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जैसलमेर. देशभर में गणेशउत्सव की धूम है. अलग-अलग राज्यों में अपने कल्चर और धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से गणेश भगवान की पूजा याचना की जा रही है. लोग रोजाना गणेश मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं. वहीं कई भक्त भगवान गणेश के प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर माथा टेक रहे हैं. राजस्थान के जैसलमेर जिले में भी भगवान गणेश का ऐतिहासिक मंदिर है.
इस 14 सौ साल पुराने मंदिर में रोजाना अनेकों भक्त माथा टेक रहे हैं. साथ ही इस मंदिर की खास बात यह भी है कि इन गणेश के आर्शीवाद से लोगों को सपनों का घर भी नसीब हो रहा है. लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर में माथा टेककर यहां पड़ी ईंटों से एक छोटा घर बनाया जाता है. भक्तों का मानना है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सपनों के घर की मनोकामना पूर्ण होती है.
जैसलमेर से महज 12 किमी दूर है मंदिर
चुंधी गणेश के नाम से विख्यात यह प्राचीन मंदिर करीब 14 सौ साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास जैसलमेर की स्थापना से भी पुराना है. करीब 14 सौ साल पहले चंवद ऋषि द्वारा यहां 5 सौ वर्षों तक तप किया गया था. इस कारण इस स्थान का नाम चुंधी पड़ा था. इतना ही नहीं विभिन्न समय काल में विभिन्न ऋषि मुनियों ने यहां तपस्या कर इस स्थान के तप को बढ़ाया है. इसी का परिणाम है कि आज यहां आने वाले दर्शनार्थियों को यहां शांति और सुकून प्राप्त होता है.
लोग मानते हैं चमत्कार
यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि मंदिर के बाहर पड़ी ईंटों से भगवान गणेश के लिए छोटा घर बनाना होता है. इसके साथ ही अपने सपनों के घर की मनोकामना करनी पड़ती है. इसके बाद गणेश भगवान के आर्शीवाद से सपनों के घर का सपना साकार होता है. कई लोग यहां अपने घर की मनोकामना के साथ आते हैं. यहां गणेश जी की पूजा के लिए इन दिनों सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
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Tags: Jaisalmer news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : September 03, 2022, 16:59 IST
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