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जबलपुर. जबलपुर के खमरिया स्थित गन कैरेज (आयुध निर्माणी) फैक्ट्री की उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. यहां से नमो बम की पहली खेप स्वीडन के लिए रवाना कर दी गयी है. बम के शैल और कार्टेज भेजे गए हैं.जिन्हें वहीं असेंबल किया जाएगा. करीब 11 हजार बम शेल और कार्टेज केस की पहली खेप को खमरिया फैक्ट्री के महा प्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
जबलपुर के खमरिया स्थित गन कैरेज फैक्ट्री में भारत में पहली बार 40mm/L70 एंटी एयरक्राफ्ट बम तैयार किया गया है. स्वीडन को ऐसे 40 हज़ार बम की सप्लाई की जानी है. पहली खेप में 11 हजार बम और उनके कार्टेज भेजे गए हैं. एल – 70 गन से फायर होने वाले यह कार्टेज जमीन और हवा दोनों में फायर किए जा सकते हैं. इस बम की मारक क्षमता करीब 40 किलोमीटर है. यानी 40 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन के परखच्चे उड़ाने के लिए यह बम पूरी तरीके से सक्षम है.
गन कैरेज फैक्ट्री की नयी उपलब्धि
इसके साथ ही आयुध निर्माणी खमरिया की प्रोडक्शन वैरायटी में एक नया नाम इस बम का भी जुड़ गया है. नॉर्डिक एम्युनेशन कंपनी (नमो ) ने इस तकनीक पर पूरा मटेरियल दिया है. आइए जानते हैं नमो बम में कौन सी बातें हैं जो इसे खास बनाती हैं.
= इस बम को मल्टीपर्पज यूटिलिटी वाहन पर लोड कर गन से दागा जा सकता है.
= (एजीएल) ऑटोमेटिक ग्रेनेड लॉन्चर से भी इसी ऑपरेट किया जा सकता है.
= मौजूदा दौर के समकक्ष बमों से यह बम ज्यादा कारगर है.
= लॉन्चिंग के साथ ही 15 सेकेंड के अंदर इस की विस्फोट प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
= 40MM/एल 70 बम की क्षमता 35 से 40 किलोमीटर है. इस बम को इसी का अपग्रेड वर्जन माना जा रहा है.
= कम से कम एनर्जी लेवल होने के बावजूद काम करने में पूरी तरह सक्षम.
= इस बम का निशाना बेहद सटीक है इसके अलावा टाइमिंग को भी बेजोड़ माना गया है.
गन कैरेज फैक्ट्री की कुशलता
पहली खेप को हरी झंडी दिखाते हुए गन कैरेज फैक्ट्री के महाप्रबंधक अशोक कुमार ने कहा यह उपलब्धि आयुध निर्माण खमरिया फैक्ट्री की उन्नतशील तकनीक और कुशल कर्मचारियों की है जो आज दूसरे देशों को भी अत्याधुनिक हथियार बनाने के लिए हमें सक्षम बनाती है
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Tags: Jabalpur news
FIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 17:43 IST
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