[ad_1]
इंदौर. धार के कारम डैम को लेकर चौतरफा आरोपों से घिरी शिवराज सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने डैम को तालाब बता दिया है. उन्होंने कहा- डैम में अभी गेट नहीं लगे थे इसलिए उसे डैम कहना उचित नहीं. ये तो तालाबनुमा शेप में बना था. डैम के कांट्रेक्टर अशोक भारद्वाज से मित्रता पर उन्होंने सफाई दी कि वो भी मेरे मित्र हैं, इससे हम इनकार कहां कर रहे हैं. मित्र होना कोई गुनाह नहीं है.
धार जिले के कारम डेम लीकेज मामले में सियासी हमला झेल रही बीजेपी ने अब कांग्रेस को जबाव देने का नया तरीका निकाल लिया है. कारम डैम निर्माण के समय जल संसाधन मंत्री रहे और अब गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो इसे तालाब बता दिया.
एमपी में हाल की मूसलाधार बारिश से पहले ही धार के कारम डैम में लीकेज ने सबको हिलाकर रख दिया था. इस पर सरकार को काफी जिल्लत झेलना पड़ी. हालात ये हो गए थे कि आनन फानन में नहर बनाकर डैम के पानी को निकाला गया वरना बड़ी तबाही हो जाती. ये बिलकुल नया बना डैम था जिस पर 304 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. चौतरफ हमला झेल रहे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री और वर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में अजीबो गरीब बयान दिया. उन्होंने कहा कारम डैम में अभी गेट नहीं लगे हैं, इसलिए उसे डैम कहना या बड़ा बांध कहना उचित नहीं हैं. ये तो तालाबनुमा शेप में बना हुआ है. इसका स्पष्टीकरण खुद मुख्यमंत्री दे चुके हैं.
दोस्त हैं अशोक भारद्वाज
कारम डैम बनाने वाली ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक अशोक भारद्वाज से नजदीकी पर नरोत्तम मिश्रा ने सफाई दी कि सार्वजनिक जीवन में हम रहते हैं. उसमे सभी मित्र होते हैं. वो भी मेरे मित्र हैं. इससे हम इनकार कहां कर रहे हैं. मित्र होना कोई गुनाह नहीं है. यानि उन्होंने एक तरह से स्वीकार किया कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी के कर्ताधर्ता अशोक भारद्वाज उनके मित्र हैं.
अब सरकार कहेगी वो तो क्रिकेट मैदान था…
कांग्रेस का कहना है कारम डैम को तालाब बताकर जिम्मेदार अपना पलड़ा झाड़ने की कोशिश में लगे हैं. राकेश सिंह यादव ने कहा अपनी करतूत छुपाने के लिए कुछ दिन बाद तो वे ये भी बोलने लगेंगे कि ये तो क्रिकेट का मैदान था और उसमें पिच बनाने के लिए पानी भरा गया था. इस तरह के बयान ये साबित करते हैं कि भ्रष्टाचार को ढांकने की कोशिश की जा रही है. 304 करोड़ में कौन सा तालाब बनता है. ये सरकार बताए. पिछले 15 साल में ऐसा कोई तालाब बनाया हो और ये उपलब्धि उन्होंने गिनाई हो. डैम बनाने वाला ठेकेदार भी ग्वालियर का इनका सरपरस्त है. नरोत्तम मिश्रा के समय का टेंडर हैं, इसलिए वो अब सफाई देते फिर रहे हैं.
इस पैमाने पर हुआ भ्रष्टाचार
कारम डैम पर राजनीति अपनी जगह है,लेकिन इसके टूटने से किसानों की उम्मीदों पर जरूर पानी फिर गया है. किसानों को उम्मीद थी कि अगले साल से सिंचाई के लिए बांध से पानी मिलने लगेगा. लेकिन अब उन्हें करीब दो साल और इंतजार करना पड़ेगा. डैम तोड़ने पर करोड़ों रुपये का जो नुकसान हुआ वो अलग है. बांध निर्माण में शुरूआत से ही लापरवाही बरती गई. दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ठेका लिया और अपना कमीशन निकालकर काम सहयोगी सारथी कंपनी को सौंप दिया. इस कंपनी ने भी आगे तीसरे ठेकेदार को काम दे दिया. सारथी कंपनी को काम देने की जानकारी जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को थी क्योंकि उससे बकायदा अनुबंध हुआ था. इसीलिए एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ सारथी कंपनी को भी ब्लैक लिस्ट किया गया है. सारथी कंपनी भी मौके पर काम नहीं कर रही थी. तीसरे ठेकेदार से स्थानीय समझौते के तहत काम कराया जा रहा था, जिससे इतना बड़ा नुकसान हुआ.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Dam crack, Damage due to rain, Madhya pradesh latest news, Narottam Mishra
FIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 15:17 IST
[ad_2]
Source link