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हाइलाइट्स
लाधूराम बल्लाणी ने अपने पास बरसों पुराने कई कार्ड भी सहेज कर रखे हैं
1960 से लेकर आज तक के जितने कार्ड उनके यहां आए वो सब मौजूद हैं
जैसलमेर. आज गणेश चतुर्थी है. हर कोई गणपति बप्पा की भक्ति में लीन है, लेकिन आपने राजस्थान के जैसलमेर के लाधूराम बल्लाणी जैसा गणेश भक्त नहीं देखा होगा. इनकी भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा देखते ही बनती है. लाधूराम बल्लाणी का शादी के कार्ड एकत्र करना शौक नहीं है, बल्कि आस्था है. शुरू से ही भगवान गणेश के परम भक्त रहे बुजुर्ग बल्लाणी ने आज से करीब 60 साल पहले यह देखा कि लोग शादी के कार्ड को नष्ट कर देते हैं. इन कार्ड्स पर भगवान गणेश की फोटो होती है. इस पर उनके मन में ख्याल आया कि इस तरह से भगवान के फोटो लगे कार्ड को नष्ट करना सही नहीं है. अपनी आस्था के चलते उन्होंने शादी के कार्ड एकत्र करने शुरू कर दिए. वर्तमान में इनके पास 50 हजार से अधिक शादियों के कार्ड एकत्र हैं.
शुरुआत में तो लाधूराम इन कार्ड्स को अलमारी में रखने लगे. धीरे धीरे जैसे-जैसे कार्ड बढ़ने लगे तो इन्हें लोहे की बड़ी-बड़ी पेटियां खरीदनी पड़ी. कार्ड्स की संख्या बढ़ते-बढ़ते इनके पास 50 हजार से अधिक हो गई है. 60 साल पहले जब यह सफर शुरू किया, तब से लेकर आज तक इन्होंने इनके घर आए शादी के एक भी कार्ड को नष्ट नहीं किया. बुजुर्ग बल्लाणी बताते हैं कि उनके पास 1960 से लेकर आज तक के जितने भी कार्ड, उनके यहां आए मौजूद हैं.
कई कार्ड तो फट गए, फिर भी नहीं फेंके
50 से 60 साल पुराने कई कार्ड तो आज जर्जर हालत में हैं. बावजूद इसके घर के किसी भी सदस्य को कार्ड फेंकने की परमिशन नहीं है. इतने कार्डों को संभालकर रखना मुश्किल होता है, लेकिन पत्नी तथा परिजनों ने भी उनकी भावनाओं का सम्मान किया और इस काम में उनका साथ दिया. वे बताते हैं राजा-महाराजाओं के यहां हुए शादी कार्यक्रमों के कार्ड भी उनके पास पड़े हैं. शुरूआत में देखने को मिला कि कई लोग शादी के कार्ड को कुछ दिनों बाद फेंक देते हैं. उसके बाद वे कार्ड इधर-उधर फैलकर नष्ट हो जाते हैं. कोई नाली गिर जाता है. इससे उन्हें लगा कि इस तरह से भगवान का फोटो लगा कार्ड नष्ट नहीं होना चाहिए.
शादी में भेंट की जाने वाली राशि कार्ड के पीछे लिख देते हैं
समाज में प्रचलन है कि शादी का कार्ड आने पर शादी वाले घर में बनावा या नैतरा भेजा जाता है. लाधूराम बल्लाणी ने एक भी शादी ऐसी नहीं छोड़ी, जिसमें उनके पास कार्ड आया हो और उन्होंनें बनावा या नैतरा नहीं भेजा हो. उन्होंने उस राशि को उस शादी के कार्ड के पीछे नोट कर दिया. इनके पास मौजूद हर कार्ड के पीछे उस शादी में भेंट की गई राशि लिखी हुई है. देश के किसी भी कोने से यदि बल्लाणी को शादी का कार्ड मिलता है तो वे वहां पर बनावा या नैतरा जरूर भेजते हैं.
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Tags: Ganesh Chaturthi, Ganesh Chaturthi Celebration, Jaisalmer news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 09:39 IST
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