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छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अध्यक्ष के बाद बदला नेता प्रतिपक्ष, दोनों ही ओबीसी, कांग्रेस बोली- कुछ नहीं कर सकते

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने पिछले दस दिनों में संगठन में 2 बड़े बदलाव किए हैं. पहले आदिवासी नेता नंद कुमार साय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर ओबीसी वर्ग के अरुण साव को कुर्सी सौंप दी. इसके बाद बीते बुधवार को एक और बड़ा बदलाव करते हुए ओबीसी वर्ग के धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाकर इसी वर्ग के नारायण चंदेल को नया नेता प्रतिपक्ष बना दिया है. इन बदलावों को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.

दरअसल भारतीय जनता पार्टी में इन दोनों बदलाव और प्रयोगों का दौर चल रहा है, जिसके तहत बुधवार को नेता प्रतिपक्ष भी बदल दिया गया. क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की उपस्थिति में पहले विधायकों से वन-टू-वन चर्चा की गई. फिर विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर दी गई.

चुनौती का समय
अपने नाम के ऐलान के बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि इस चुनौती के दौर में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. सब के सहयोग से झूठ के भरोसे चल रही भूपेश सरकार को उखाड़ फेंकना उनकी प्राथमिताओं में शामिल है. साथ ही यह भी कहा कि सदन में भले ही हमारी संख्या 14 है. मगर हर मुद्दे पर हमने प्रदेश सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर किया है. उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव पार्टी का निर्णय है. इस मौके पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पौने 4 साल के कार्यकाल में नेता प्रतिपक्ष के रूप में छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के आवा को बुलंद करने का काम किया है ।विधायकोंके सहयोग से हमने सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई हमने लड़ी है. अपने कार्यकाल में मुझे काम करने का मौका मिला और मैं अपने कार्यो से संतुष्ट हूं.

चंदेल क्यों?
बीजेपी ने नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाकर कार्यकर्ताओं को संदेश देने का काम किया है. दरअसल जानकार कहते हैं कि 2018 में धरमलाल कौशिक बीजेपी अध्यक्ष थे और पार्टी 15 सीटों पर सिमट गई थी. करारी हार के बाद कौशिक ने कार्यकर्ताओं पर हार का ठीकरा फोड़ दिया था. जिसकी टीस आज भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को लगती है. कौशिक को हटाकर चंदेल के बनाने के पीछे की रणनीति यह हैं कि बीजेपी आला कमान बदलाव और नए चेहरों के साथ 2023 की रण लड़ने की तैयारी कर रही है. ताकि कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ सके और यहीं वजह हैं कि बदलाव के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह दिख रहा है.

OBC को साधने की कोशिश
बीजेपी ने OBC वर्ग से अध्यक्ष बनाकर पहले OBC  वर्ग के साहू समाज को साधने की कोशिश की. अब OBC वर्ग से ही कुर्मी को नेता प्रतिपक्ष बनाकर कुर्मी समुदाय को भी साधने की पहल की है. जानकार मानते हैं कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा सीएम खुद OBC हैं और वोट बैंक के मामले में OBC बाहुल्ता की ओर से बढ़ रही है. इन्ही सब कारणों से बीजेपी OBC को साधने की कोशिश कर रही है.

बदलाव से कुछ नहीं होने वाला है:- मोहन मरकाम
इधर नेता प्रतिपक्ष का ऐलान होते ही कांग्रेस के नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि नारायण चंदेल से बीजेपी का कोई भला होने वाला नहीं है. बदलाव का भी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. बीजेपी के बड़े नेताओं को मौका देना चाहिए था. रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल बड़े चेहरे थे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी अन्य वर्गों और सरगुजा, दुर्ग, बस्तर को नजरअंदाज कर रही है.

Tags: BJP, Chhattisgarh news, Raipur news

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