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रायपुर. देश में जब-जब चुनाव करीब होते हैं तब-तब सियासतदानों को धर्म की याद आती है. धर्म पर सियासत के मामले में राजनीतिक पार्टियों के सबसे चहेते भगवान राम ही रहे हैं. जिनके नाम पर अब तक सियासत होती रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सियासत में राम के बाद अब भगवान कृष्ण की एंट्री हो गयी है. छत्तीसगढ़ में अब तक कांग्रेस सरकार यहां भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने का काम राम वन गमन पथ योजना के जरिए कर रही थी.
लेकिन अब इससे एक कदम आगे बढ़कर सरकार भगवान कृष्ण के नाम से प्रदेशभर के शहरी इलाकों में कृष्ण कुंज बनाकर यहां पारंपरिक पीपल, बरगद, जामुन, कदम और अशोक जैसे पेड़ लगा रही है. जन्माष्टमी के दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी शुरुआत की है. लेकिन यहां से ही भगवान कृष्ण को लेकर सियासत भी शुरू हो गयी है. क्योंकि सीएम ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान राम और कृष्ण सबके हैं, किसी का इन पर कॉपीराइट नहीं है.
भाजपा ने किया पलटवार
इधर पदभार ग्रहण करने के बाद राजधानी के मंदिरों में दर्शन करते बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने सीएम भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भगवान राम और कृष्ण सबके हैं. लेकिन वे कांग्रेस के नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम को काल्पनिक बताया था और राम मंदिर को रोकने का प्रयास किया था.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्ता में काबिज होने के बाद राम की स्मृतियां सहेजन की कवायद शुरू की और बीजेपी से राम नाम का मास्टरस्ट्रोक छीन लिया और अब भगवान कृष्ण के नाम पर योजना शुरू कर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बीजेपी को कोई मौका नहीं देना चाहती. लिहाज़ा अब कृष्ण पर शुरू हुई सियासत भी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकती है.
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Tags: Chhattisgarh news, Raipur news
FIRST PUBLISHED : August 20, 2022, 21:39 IST
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