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जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर के न्यू लाईफ हॉस्पिटल में हाल ही में अग्निकांड हुआ था. इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी. अब इस मामले पर में हाई कोर्ट सरकारी जांच से संतुष्ट नहीं है. जबलपुर हाई कोर्ट ने इस भीषण अग्निकांड के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को आरोपी न बनाए जाने पर हैरानी जताई है. हाई कोर्ट ने मामले पर राज्य सरकार को पुख्ता जवाब देने की अंतिम मोहलत दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो मामले की जांच के लिए गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट, सीलबंद लिफाफे में हाई कोर्ट में पेश करें.
इसके साथ-साथ हाई कोर्ट ने सरकार को दो टूक चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार अगली सुनवाई में संतोषजनक जवाब नहीं देती है तो पूरे मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी को भी सौपी जा सकती है. हाई कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 1 सितंबर की तारीख तय की है. बता दें कि बीती 1 अगस्त को जबलपुर के न्यू लाईफ हॉस्पिटल में भीषण अग्निकांड हुआ था. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. बाद में पता चला कि हाई कोर्ट के निर्देश पर जब सभी निजी अस्पतालों की जांच की जा रही थी, तो जबलपुर के इस न्यू लाईफ हॉस्पिटल को ढेरों खामियों के बावजूद क्लीन चिट दे दी थी.
इस तरह हाई कोर्ट पहुंचा मामला
इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचने और इसकी जांच की गई. इस जांच के बाद पता चला कि अस्पताल को क्लीन चिट देने वाले अधिकारियों को फिर अस्पतालों की नई जांच टीम में शामिल कर लिया गया था. राज्य सरकार ने न्यू लाईफ हॉस्पिटल को पहले क्लीन चिट देने वाले स्वास्थ्य विभाग के 2 डॉक्टर्स को सस्पैंड कर दिया है, लेकिन नई जांच की शर्तें बदल दिए जाने पर हाई कोर्ट में आपत्ति दायर की गई है. हाई कोर्ट ने सरकारी जांच पर असंतोष जताते हुए उससे संभागायुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने के आदेश दिए हैं और आगे सरकारी रवैये पर संतुष्ट न होने पर मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मंशा भी जता दी है.
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Tags: Jabalpur news, Mp news
FIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 09:02 IST
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