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पति, सास-ससुर को खोया, ठुकराई अनुकंपा नौकरी, अब बनीं RJS ऑफिसर, जानें कौन हैं रिचा शेखावत

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जयपुर. आज हम ऐसी महिला की कहानी बता रहे है जिसके कंधों पर कई जिम्मेदारियां थी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने सपने को साकार किया. कड़ी मेहनत से उन्होंने सफलता हासिल की जो आज सबके लिए एक प्रेरणा है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जयपुर की रिचा शेखावत राठौड़. रिचा ने राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस (RJS) सिविल जज कैडर-2021 की भर्ती परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल किया है. उनकी सफलता की कहनी कई संघर्षों से भरी है.  17 साल तक लगातार उन्होंने  मेहनत की और आखिर सफलता ने भी उनके सामने घुटने टेक दिए. रिचा शेखावत राठौड़ की असल जिंदगी की कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है, लेकिन वे इसे असल में जी रही हैं.

रिचा की शादी साल 2006 में हुई थी. ससुराल और पीहर, दोनों अनुशासित पुलिस परिवार थे. बीकानेर की रहने वाली रिचा शेखावत के पिता रतन सिंह पुलिस में थे. वे इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए. उन्होनें अपनी बेटी की शादी जयपुर में रहने वाले रिटायर्ड आरपीएस पृथ्वी सिंह के बेटे नवीन सिंह राठौड़ से कराई.

रिचा ने खोया पति, सास और ससुर

रिचा की शादी के तीन महीने के बाद उनकी सास का निधन हो गया. इसके बाद रिचा पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई. परिवार की जिम्मेदारियां संभालते हुए उन्होनें साल 2009 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 2017 में पति उनका साथ छोड़ गए. इसके बाद 2020 में उनके ससुर भी दुनिया से विदा हो गए. अब दोनों बेटों और घर की पूरी जिम्मेदारी रिचा पर आ गई.

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युवाओं को दे रहीं कभी न हार मानने की सीख
पति की मौत के बाद रिचा ने हिम्मत नहीं हारी. परिवार की जिम्मेदरी संभालने के साथ उन्होनें साल 2018 में लीगल और फोरेंसिक सांइस में डिप्लोमा पूरा किया. फिर 2021 में आरपीएससी क्लीयर किया और विधी अधिकारी का पद चुना. इसके बाद भी उन्होंने मेहनत में कोई कमी नहीं की. फिर उन्होंने आरजेएस बनने का सपना पूरा किया. मंगलवार को आए आरजेएस के परिणाम में उन्होंने 88वां रैंक हासिल किया. उनका कहना है कि परिवार ने संघर्ष करने और कभी हार नहीं मानने की सीख दी थी. रिचा को कांस्टेबल-बाबू के पद पर अनुकंपा नौकरी मिल सकती थी. मगर इन्होंने अनुकंपा की नौकी को ठुकरा कर संघर्ष का रास्ता चुना.

Tags: Jaipur news, Rajasthan news

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