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महिलाओं के खिलाफ अपराध के केस निपटाने में एमपी नंबर 1, गृहमंत्री अमित शाह ने की तारीफ

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भोपाल. मध्य प्रदेश सेंट्रल रीजनल काउंसिल यानी सीआरसी की रिपोर्ट में नंबर वन बन गया है. नंबर वन बनने का मतलब ये है कि अपराधों की जांच और कार्रवाई में वो पूरे देश में सबसे आगे है. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सीआरसी की बैठक ली थी. उन्होंने मध्य प्रदेश के परफॉर्मेंस की तारीफ की. न्यूज 18 को सीआरसी की रिपोर्ट मिली. उसके अनुसार वूमेन क्राइम, चाइल्ड क्राइम, रेप, पास्को एक्ट, फास्ट ट्रैक कोर्ट के मामले जल्दी निपटाने में एमपी नंबर वन है. मप्र ने उत्तराखंड, यूपी और छत्तीसगढ़ को काफी पीछे छोड़ दिया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भोपाल में कुछ दिन पहले सेंट्रल रीजनल काउंसिल की 23 वीं बैठक (सीआरसी) हुई थी. न्यूज़ 18 के पास मौजूद इस बैठक की रिपोर्ट के अनुसार महिला और बच्चों के यौन शोषण से जुड़े अपराधों के साथ पास्को एक्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट के मामलों में मध्य प्रदेश का परफॉर्मेंस यूपी छत्तीसगढ़ उत्तराखंड के मुकाबले बेहतर रहा. मप्र में यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम आईटीएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार 21 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2022 तक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध से संबंधित 96.50 प्रतिशत मामलों की जांच पूरी की गई. इनमें 60.80 फीसदी की जांच दो महीने के अंदर पूरी कर ली गयीं.

ये है फैक्ट फाइल…
राज्य…       साल 2022–2023
मप्र…         61.26%
उत्तराखंड…60.50%
यूपी…         59.98%
छग…          38.25%
(आईटीएसएसओ पोर्टल पर  5 अगस्त 2022 तक के आंकड़े)

जो FIR निपटायी गयीं

राज्य…       साल 2022–2023
मप्र…         60.01%
उत्तराखंड…55.75%
यूपी…         58.73%
छग…          34.01%
(आईटीएसएसओ पोर्टल के 5 अगस्त 2022 तक के आंकड़े)

सीआरसी की रिपोर्ट पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने न्यूज़ 18 के सवाल पर कहा मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की बात करें तो सवाल बेटियों की तरफ जाता है. बेटियों के मामले में मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने फांसी की सजा का प्रावधान किया. 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गयी. मध्य प्रदेश के हर जिले में महिला थाना है. हर थाने के अंदर महिला डेस्क है. 6000 से ज्यादा लापता बेटियों को ढूंढने का काम किया. मध्य प्रदेश ने मुस्कान अभियान भी चलाया है. इसकी सफलता भी सबके सामने है. यह मध्य प्रदेश की उपलब्धियां हैं जिसका विषय मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में आया था.

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https://hindi.news18.com/news/madhya-pradesh/jabalpur-namo-bomb-ready-in-gun-carriage-factory-the-first-consignment-of-11-thousand-bombs-left-for-sweden-mpsg-4519773.html

ये किए जा रहे उपाय…
–महिला सुरक्षा विंग लगातार मॉनिटरिंग करती है
–पुलिस मुख्यालय से सभी पुलिस अधीक्षकों को एसओपी जारी की गई
–महिला सुरक्षा विंग ने 36 ट्रेनिंग सेशन में 4102 जांच अधिकारियों को ट्रेंड किया
–हर महीने अपराधों का विश्लेषण किया जाता है
–महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली शिकायतो में फीडबैक लिया जाता
–पीड़ित, गवाहों का संरक्षण, सहायता योजना पर अमल
–फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट योजना पर अमल
-पास्को एक्ट के मामलों की जांच के लिए पुलिसकर्मियों की स्पेशल टीम नियुक्ति

हम जल्द न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध
मध्य प्रदेश की महिला अपराध शाखा की चीफ एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने सीआरसी की रिपोर्ट पर कहा महिला अपराध की कार्रवाई 60 दिन में पूरी करने का प्रावधान है. मध्यप्रदेश में एक अभियान चलाकर यह कार्रवाई की जा रही है. इसलिए 2 महीने में की गई कार्रवाई का जो प्रतिशत है वह हमारा अच्छा है. हम पास्को एक्ट में साक्षी संरक्षण भी जोड़कर एफआईआर से लेकर कन्वैक्शन तक पीड़िता के साथ बने रहते हैं. हमारा चलानी प्रतिशत भी अच्छा है और पास्को एक्ट में चालानी कार्रवाई शत प्रतिशत होती है.

सागर-भोपाल-इंदौर में डीएनए टेस्ट
मध्यप्रदेश में रीवा रतलाम और जबलपुर में नई फॉरेंसिक लैब खोलने के लिए सरकार ने कुल 13 करोड़ की राशि मंजूर की. भवन निर्माण के लिए भूमि का आवंटन किया गया. पिछले 1 साल में सागर भोपाल के अलावा इंदौर में डीएनए जांच शुरू हो गई. ग्वालियर में भी जांच शुरू होने जा रही है. भोपाल में सीएफएसएल में भी जांच की जा रही है.

Tags: Crime Statistics, Madhya pradesh latest news

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