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रिपोर्ट- हर्षिल सक्सेना
बारां. अगर आप राजस्थान के बारां जिले में रहते है तो यह आपके लिए खास बात है, नहीं तो एक बार आप बारां जरूर आये. जहां पर ब्रिटिशकाल से पहले का बना हुआ यह मंदिर आज भी ऐतिहासिक परंपराओं का गवाह बना हुआ है. इन परंपरा का निर्वाह विशेष त्योहारों पर किया जाता है. जिसे देखने के लिए लोग जिले के अन्य कस्बों सहित पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश से यहां पहुंचते है. हर मंदिर की अपनी एक गाथा और महत्व है.
शहर के मांगरोल रोड़ पर स्थित प्यारे रामजी मंदिर में भगवान विष्णु अनंत रूप में विराजित है, जिनमें हिंदू त्यौहार के विशेष अवसर पर तोप चलायी जाती है. तोप चलने के बाद ही शहर के अन्य मंदिरों पूजा-अर्चना के साथ आरती का दौर शुरू होता है.
476 साल बाद भी जिंदा है परंपरा
यह तोप सन् 1546 से चली आ रही है. सदियों से चली आ रही यह परंपरा 476 साल बाद भी जिंदा है. तोप चलाने की रीति-नीति विक्रम संवत् 1603 से शुरू हुई थी. यह तोप रामनवमी, कृष्णजन्माष्टमी, अनंतचर्तुदर्शी और अन्नकूट पर चलती थी. यह मंदिर देवस्थान विभाग के आने के बाद अन्नकूट पर अब इस तोप को नहीं चलाया जाता.
मंदिर के पुजारी का यह कहना
मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद गौतम ने बताया इस मंदिर में भगवान विष्णु अनंत अवतार में विराजमान है. यहां पर कृष्ण जन्माष्टमी पर रात की 12 बजे, रामनवमी रामजन्म पर दोपहर 12 बजे और अनंत चतुदर्शी पर दोपहर 12 बजे चलती है. उसके बाद नगर के अन्य मंदिरों में आरती प्रारम्भ की जाती है. पहले अन्नकूट पर भी यह तोप चलती थी. यह तोप मंदिर बनने के साथ ही यहां पर स्थापित की गयी.
देवस्थान विभाग प्रबंधक का यह कहना
देवस्थान विभाग प्रबंधक राजकुमार विजय ने बताया है कि प्यारेरामजी का मंदिर प्राचीन मंदिर है. कोटा संभाग में भगवान अनंत का यह एकमात्र मंदिर है.
तोप को चलते देखने के लिए दूर- दूर से आते है भक्त
शहर सहित जिले भर से यह पर जन्माष्टमी अनंत चतुर्दशी भगवान जगनाथ जी की रथ यात्रा के समय साल के इन विशेष तीन पर्व पर तोप चलती है. जिसे देखने के लिए कई श्रद्धालु यहां तोप को चलता देखने के लिए आते है.
शहर निवासी चेतन योगी ने बताया की वह बचपन से ही यह मंदिर में आ रहे है. वहीं मध्य प्रदेश में रह रहे उनके रिश्तेदार भी हर साल यह तोप को देखने के लिए अक्सर यह आते रहते है.
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Tags: Baran news, Hindu Temple, Rajasthan news, Rajasthan Tourism Department, Temples
FIRST PUBLISHED : September 11, 2022, 08:16 IST
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