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राजस्थान के इस शहर में है देश का ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर, राज परिवार का है खास नाता, जानें डिटेल

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ललितेश कुशवाहा/भरतपुर. राजस्थान के पूर्वी प्रवेश द्वार के नाम से जाना जाने बाला भरतपुर (Bharatpur) पर्यटन दृष्टि से प्रसिद्ध स्थानों में से एक है. भरतपुर धार्मिक स्थलो में भी अपनी अलग पहचान रखता है. बात की जाए भरतपुर के लक्ष्मण जी मंदिर ( Laxman Ji Temple) की तो यह देश का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर शहर के मुख्य बाजार के बीचों बीच स्थित काफी लोकप्रिय है. इस मंदिर की नींव महाराजा बलदेव सिंह (Baldev Singh) ने रखी व निर्माण इनके पुत्र बलवंत सिंह ( Balwant singh )ने ने 300 साल पहले करवाया था.

मान्यताओं के अनुसार राजा दशरथ के पुत्र व भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण इस मंदिर के प्रमुख देवता हैं. इसी मंदिर में उनके साथ उनकी पत्नी उर्मिला, भगवान श्री राम, भाई भरत, शत्रुधन एवं हनुमान जी की मूर्तियां भी विराजमान हैं. लक्ष्मण जी एवं उर्मिला जी की मूर्तियां बड़ी जबकि अन्य की छोटी है साथ ही ये सभी मूर्तियां अष्टधातु निर्मित हैं. यहां प्रतिदिन सुबह शाम बड़ी संख्या में पर्यटक व श्रद्धालु दर्शन व देखने के लिए आते है. इस मंदिर का निर्माण बंसी पहाड़पुर (Bansi Paharpur) के बादामी रंग के पत्थर से राजस्थानी शैली में कराया गया है. मंदिर के दरवाजे, छत, महराब और स्तंभो की कलाकृति को देख लोग अभिभूत हो जाते हैं.

शहर में 2 मंदिर
इतिहासकार बृजेंद्र सिंह (Brijendra Singh) बताते हैं कि शहर में नया व पुराना दो लक्ष्मण जी मंदिर है. पुराने लक्ष्मण जी मंदिर राज गुरुद्वारे से सबंधित रहे है. साथ ही यह भरतपुर महाराजाओं के ईष्ट देव भी है. जंहा भी भरतपुर के राजाओं की राजधानी रही वहा वहा लक्ष्मण जी मंदिर की स्थापना कराई गई. लेकिन भारत देश में प्रसिद्धि नये लक्ष्मण जी मंदिर को मिली है. इसका निर्माण 300 साल पहले महाराजा बलदेव सिंह के पुत्र बलवंत सिंह ने करवाया था.इसकी नींव म हाराजा बलदेव सिंह ने रखी थी. इस मंदिर में लक्ष्मण जी के साथ उनकी पत्नी उर्मिला की बड़ी मूर्तियां स्थापित है. इनके साथ साथ छोटे आकार में श्री राम, भरत, शत्रुधन एवं हनुमान जी की मूर्तियाँ भी हैं. यहां आने वाले प्रत्येक पर्यटक व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधा उपलब्ध है. मंदिर के नीचे स्थित दुकानों की आय से मंदिर की प्रतिदिन की पूजा पाठ की कार्यवाही की जाती है. लक्ष्मण जी मंदिर के खुलने का समय सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक है. इस बीच आप कभी भी मंदिर का भ्रमण कर सकते हैं. इस मंदिर में प्रवेश पूर्णतया निशुल्क है.

पुराने लक्ष्मण जी मंदिर का इतिहास
पुराने लक्ष्मण जी मंदिर के महंत शिव शंकर दास ने बताया कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. महाराज बलदेव सिंह ने एक संत के कहने पर नए लक्ष्मण जी मंदिर की नींव रखी थी. जब इसका निर्माण कार्य पूर्ण होगा तो महाराजा बलदेव सिंह पुराने मंदिर की मूर्तियों को नए मंदिर में स्थापित करने के लिए लक्ष्मण जी की मूर्ति को लेने आए तो मूर्ति अपने स्थान से हिली नही।इस कारण लक्ष्मण जी मंदिर में नई मूर्तियां स्थापित की गई. पुराना लक्ष्मण मंदिर नए लक्ष्मण जी मंदिर के पीछे है. इसके खुलने का समय साढ़े पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक व शाम चार बजे से लेकर रात 8 बजे तक है. पुराने लक्षण मंदिर को लेकर एक किवदंती है इस मंदिर का निर्माण नागा साधु ने करवाया था.

Tags: Bharatpur News, Rajasthan news

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