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रेलवे स्टेशन जैसा है यह स्कूल, नायाब हैं क्लास रूम, एक झलक पाने लोग आते हैं दूर-दूर से

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हाइलाइट्स

एजुकेशन एक्सप्रेस की थीम पर तैयार किया गया स्कूल
इस साल बोर्ड की सभी कक्षाओं में एक भी छात्र फेल नहीं हुआ

इम्तियाज अली.

झुंझुनूं. जिले के बनगोठड़ी गांव का सरकारी स्कूल अपनी इमारत के कारण पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. बाहर से देखने पर यह किसी रेलवे स्टेशन जैसा नजर आता है, जहां इंजन, जंक्शन और ट्रेन में चढ़ते उतरते यात्री आदि दिखाई देते हैं. स्कूल को एजुकेशन ट्रेन की थीम पर विकसित किया गया है. इसमें ट्रेन के डिब्बे, डबल डेकर ट्रेन, बुकिंग खिड़कियां और ट्रेन सब कुछ पेंटिंग करके बनाया गया है. बच्चों को भी ट्रेननुमा स्कूल खूब आकर्षित कर रहा है. स्कूल जिले के चिड़ावा इलाके के बनगोठड़ी गांव में है. यह सब सरकारी मदद से नहीं, बल्कि दानदाताओं की मदद से किया गया है. वर्षों पुराने स्कूल भवन की मरम्मत के लिए ग्रामीणों ने भामाशाहों से करीब 15 लाख रुपये जुटाए और स्कूल का कायाकल्प करवा दिया है.

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बनगोठड़ी की स्थापना आजादी से पहले 1929 में हुई थी. 1962 में इसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल के रूप में प्रमोट किया. तब से यह स्कूल चल रहा है. स्कूल प्रिंसिपल बलवान सिंह ने बताया कि यहां कला, विज्ञान, वाणिज्य तथा कृषि विज्ञान विषय संचालित हैं. पिछले साल बालिका शिक्षा में बेहतर कार्य करने पर जिला स्तर पर सम्मान भी स्कूल को मिला था. इस साल बोर्ड की सभी कक्षाओं में एक भी छात्र फेल नहीं हुआ. स्कूल का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा है.

ट्रेन का लुक, 13 डिब्बे
स्कूल को देखकर यही लगता है कि यह ट्रेन यहां कैसे खड़ी है. सरकारी स्कूल की यह इमारत काफी जर्जर थी. दानदाताओं की मदद से नया लुक दिया गया. स्कूल प्रिंसिपल बलवान सिंह ने बताया कि स्कूल में दो बिल्डिंग तैयार की गई हैं. एक बिल्डिंग क्लास 1 से 5 तक और दूसरी 6 से 12वीं तक के बच्चों के लिए हैं. स्कूल को एजुकेशन एक्सप्रेस की थीम पर तैयार किया गया है. स्कूल में 23 शिक्षकों का स्टाफ है. स्कूल स्टाफ, प्रिंसिपल और ग्रामीणों ने मिलकर स्कूल का नक्शा ही बदल दिया. अब ग्रामीण अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं. स्कूल में पढ़ाई का बेहतर माहौल बना है.

बच्चों को भा रही है एजुकेशन एक्सप्रेस
स्कूल में फिलहाल 359 बच्चे पढ़ रहे हैं. प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चों को स्कूल का लुक बहुत पसंद आ रहा है. आसपास के गांवों के बच्चे भी देखने आते हैं. बच्चों में क्रेज है कि ट्रेन वाली स्कूल में पढ़ेंगे. अभिभावक भी स्कूल के मॉडल को देखने के लिए आते हैं. जब स्कूल को ट्रेन का लुक देने की योजना बनाई तो रुपये नहीं थे. दानदाताओं ने मदद की तो स्कूल का लुक बदल गया.

प्रियजन स्मृति कोष से स्कूल में हुए विकास कार्य
स्कूल के विकास के लिए प्रियजन स्मृति कोष शुरू किया गया था. इस कोष में अपने प्रियजनों की याद मदद करके स्कूल में विकास कार्य करवाया जा सकता है. इसमें अब तक 77 हजार रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हो चुकी है. लोग अपनों की याद में स्कूल में पानी की टंकी व अन्य निर्माण करा चुके हैं.

Tags: Jhunjhunu news, Rajasthan news

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