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शातिर ठग पायल जेल में सेनेटरी नैपकिन में छुपाकर कर रही थी मोबाइल फोन का इस्तेमाल!

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इंदौर. इंदौर जिला जेल में उस वक़्त हड़कंप मच गया, जब महिला वार्ड में बंद एक कैदी को मोबाइल चलाते पकड़ा गया. उसके एंड्राइड मोबाइल में व्हाट्सएप्प, फेसबुक, इंस्टाग्राम और कई अन्य ऍप्लिकेशन थीं, जिनका वह इस्तेमाल कर रही थी. महिला कैदी के पास मोबाइल कैसे पहुंचा इसकी अभी जांच की जा रही है, लेकिन यह भी कयास लगाए जा रहे है कि किसी महिला प्रहरी की मदद से ही यह मोबाइल जेल की बैरक में पहुंचा. जेल प्रबंधन ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है. साथ ही संबंधित थाना पुलिस को भी शिकायती पत्र भेजा है. तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस केस दर्ज करेगी.

कारागार एक्ट के तहत जेल में मोबाइल सहित अन्य वस्तुओं का उपयोग प्रतिबंधित है. बावजूद इसके हाई प्रोफाइल महिला कैदी धड़ल्ले से मोबाइल फोन चला रही थीं. इंदौर की जेलों की सुरक्षा में खामी पर समय समय पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. उसमें मनमानी समेत आर्थिक आरोप शामिल हैं. आरोप है कि इससे पूर्व इंदौर की जेलों में अवैध हथियार तक पकड़े गए हैं. जेल के अंदर गैंगवार की भी शिकायतें निकल कर सामने आयी हैं.

शातिर ठग है पायल
इस बार चर्चा में है जेल में बंद विचाराधीन महिला बंदी पायल उर्फ़ हसीना. आरोप है कि वह  जेल में रहकर मोबाइल का उपयोग कर रही थी. उसके जरिए वो दिल्ली मुंबई, और इंदौर के कई गैंगस्टर के सम्पर्क में थी. पायल पर धोखधड़ी सहित कई गंभीर अपराध दर्ज हैं. वह दिल्ली में वर्ष 2018 के आसपास गिरफ्तार हुई थी. खुद को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया चैनल का सीईओ बताकर धोखाधड़ी करती थी. पायल पर दो करोड़ रूपये से अधिक की ठगी का आरोप था. वह मूलतः भोपाल की रहने वाली है, उस पर मध्य प्रदेश के भी कुछ जिलों में धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं. इसमें इंदौर भी शामिल है.

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इंजीनियरिंग की छात्रा, पिता नामी कंपनी में
पायल इंजीनयरिंग की छात्रा है, उसने आधी पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके पिता भोपाल की एक नामी कम्पनी में काम करते थे. पायल ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर और भोपाल में ठगी का जाल फैलाया था. वह बेहद शातिर है, तिहाड़ जेल में काफी दिनों तक बंद रही. उसके बाद भोपाल पुलिस वारंट पर लेकर पहुंची थी. फिलहाल उसे इंदौर की जिला जेल में रखा गया. वह फिलहाल विचाराधीन कैदी है, किसी भी मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं.

जेल में ब्रांडेड शैंपू की मांग
पायल जब जिला जेल पहुंची थी तो उसने जेल प्रबंधन ने कई अजीबो गरीब मांग की थीं. लेकिन जेल प्रबंधन ने नियम का हवाला देते हुए इंकार कर दिया था. इसमें उच्च गुणवत्ता का पानी, ब्रेड, शैम्पू और अन्य चीजें शामिल हैं. इसके बाद पायल मेडिकल आधार पर न्यायालय की शरण ली और न्यायालय ने ये सभी अपेक्षित चीजें उसे मुहैया कराने के आदेश दिए थे. वह बीते कुछ महीनों से जेल के अंदर मोबाइल फोन भी इस्तेमाल कर रही थी.

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सेनेटरी नैपकिन में छुपाती थी मोबाइल फोन
अपुष्ट आरोप है कि जेल की महिला बैरिक में महिला जेल प्रहरी ने ही मोबाइल पहुंचाया था. उसकी हाल ही में पदस्थापना हुई है. उसके पिता भी पहले इसी जेल में पदस्थ थे. उनकी कोरोना में मौत हो गई थी, इसके बाद अनुकपा नियुक्ति में उसकी पोस्टिंग हुई थी. पायल के पिता ने महिला प्रहरी के खाते में डिजिटल पेमेंट किया था. उसके एवज में उसने जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाया था. पायल जेल में सेनेटरी पेड के अंदर मोबाइल छुपाकर रखती थी. बैरक के पास लगे बोर्ड में रात के वक़्त चोरी छुपे चार्ज कर लिया करती थी.

कॉल डिटेल और हिस्ट्री की जांच
जेल में मोबाइल मिलते ही हड़कंप मच गया है. जेल अधिकारी ठाकुर को इसकी जांच सौंपी गई है. इसका नेतृत्व खुद जेल अधीक्षक अलका सोनकर कर रही हैं. हालांकि कुछ हद तक लापरवाही और अन्य तरह के आरोप में घिरे जेल कर्मचारी को अधिकारियों ने चिन्हित कर लिया है. फिर भी जेल प्रशासन औपचारिक छानबीन कर रहा है. साथ ही पूरे मामले की तकनीकी जांच के लिए संयोगितागंज थाना पुलिस को जांच सौंपी है. साथ ही कॉल डिटेल और मोबाइल की हिस्ट्री खंगाली जा रही है.

Tags: Indore crime, Madhya pradesh latest news

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