Take a fresh look at your lifestyle.

समाज के तानों को अनसुना कर 5 बेटियों को सिखाई पहलवानी, 4 को मिली सरकारी नौकरी

0 105

[ad_1]

ललितेश कुशवाहा.

भरतपुर.‘दंगल’ फिल्म का नाम सुनते ही पहलवानी का दृश्य सामने आ जाता है. फिल्म में पिता के पहलवानी (wrestling) के जुनून को दिखाया गया है. जुनून की खातिर वह समाज की परवाह किए बगैर अपनी बेटियों को कुश्ती अखाड़े में उतारकर उन्हें मुकाम तक पहुंचाता है. भरतपुर के यदुवीर सिंह सिनसिनी ( Yaduveer Singh Sincini) की कहानी भी दंगल फिल्म से मिलती-जुलती है. यदुवीर ने अपनी पांच बेटियों को कुश्ती के अखाड़ा में उतारा. बेटियों ने पहलवानी में मुकाम हासिल करते हुए खेल कोटे से सरकारी नौकरी प्राप्त की है. जो लोग बेटियों को अखाड़े में देख ताना मारते थे, वही आज उनकी पीठ थपथपाकर शाबाशी देते हुए दिखाई देते हैं.

यदुवीर सिंह सिनसिनी ने बताया कि 1990 से तीन बेटियों और दो भांजियों को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाने शुरू कर दिए. जब बच्चियों को दंगल में कुश्ती के लिए ले जाता था तो समाज के लोग ताना मारते थे. इनकी परवाह किए बगैर 1996 से लोहागढ़ स्टेडियम (Lohagarh Stadium) में बच्चियों को कुश्ती-दंगल में शुरुआत करवाई. स्कूल से लेकर नेशनल लेवल तक कुश्ती में बच्चियों ने परचम लहराया. एक समय ऐसा आया कि बड़े-बड़े पहलवान इनके सामने आने से डरने लगे.
तीन बनी पीटीआई और एक एलडीसी बाबू
यदुवीर सिंह ने बताया कि उनकी तीन बेटियां नीशू फौजदार, कुमकुम फौजदार, आस्था सिनसिनवार, हेमा फौजदार और सीमा कुंतल दो भांजिया हैं. इनमें से चार बेटियां खेल कोटे से सरकारी जॉब प्राप्त कर चुकी है. शिक्षा विभाग में तीन पीटीआई और एक एलडीसी बाबू है. पांचों की शादी भी हो चुकी है. शादी के बाद भी पांचों लड़कियों को पहलवानी की कोचिंग दे रही हैं. यदुवीर सिंह के दो बेटे पृथ्वी और विश्वास सिंह हैं. दोनों पहलवान रहे हैं. अभी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं.

निशुल्क चलाते हैं लड़कियों का अखाड़ा
युदवीर सिनसिनी जगीना गेट स्थित महारानी किशोरी व्यायाम शाला के नाम से अखाड़ा संचालित करते हैं जो लड़कियों के लिए है और निशुल्क है. खाने-पीने से संबंधित सभी सामान उपलब्ध करवाते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा मदद तो की जाती है लेकिन न के बराबर है. 30 नवम्बर और एक दिसंबर को लड़कियों का दंगल आयोजित करते हैं.

ताऊ की बेटियों को देख पहलवानी में उतरी युक्ता सिंह
यदुवीर सिंह तीन भाई हैं. इनके छोटे भाई हिटलर सिंह की बेटी युक्ता सिंह ने अपने ताऊ की बेटियों से प्रेरित होकर कुश्ती में जाने का मन बनाया. पहलवानी में स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक अपना दमखम दिखा चुकी हैं. हालांकि युक्ता बीएससी बीएड होने के कारण रीट एग्जाम की तैयारी भी कर रही है. यदुवीर सिंह बताते है कि परिवार में 29 सदस्य जिनमे से 14 खेल से जुड़े हुए हैं. यदुवीर की एक ही इच्छा है कि भरतपुर से दो बेटियां इंटरनेशनल तक पहुंचे और जिले का नाम रोशन करें.

Tags: Bharatpur News, Rajasthan news

[ad_2]

Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.