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सेना में जाने की तैयार कर रहे छात्र ने फोन पर मां से कहा-मुझे अच्छा नहीं लग रहा फिर…

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इंदौर. इंदौर में रहकर नेवी में जाने की तैयार कर रहे छात्र की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी.खून से लथपथ उसका शव छत से नीचे पड़ा मिला. फोन फ्लाइट मोड पर था. आखिरी बार मां और दोस्त से बात की थी. मां से कहा था कि मेरा मन नहीं लग रहा. पुलिस अब हादसा या आत्महत्या इन दोनों ऐंगल से मामले की जांच कर रही है.

ये घटना इंदौर के भंवरकुआ थाना अंतर्गत अंबिकापुरी में हुई. यहां हॉस्टल में रहकर सेना  (नेवी) में जाने की तैयारी कर रहे  युवराज नामक छात्र की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. मौत से ऐन पहले वो फोन पर बात कर रहा था. कुछ देर बाद ही खून से लथपथ लाश छत से नीचे पड़ी मिली. आशंका है कि उसने आत्महत्या की है. अब तक की जांच में पुलिस को उसके मोबाइल फोन में लास्ट तीन कॉल मिले है जिससे उसने आखिरी बार बात की. इनमें से एक उसकी माँ और एक अन्य दोस्त शामिल है. जब वह जमीन पर मिला तब उसका मोबाइल फ्लाइट मोड पर था.

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मां से कहा था…
अम्बिकापुरी के रजोमा अपार्टमेंट के रूम नंबर 36 में युवराज गहलोत किराए से रहता था. वह मूलतः खरगोन जिले के महेश्वर का रहने वाला था. गुरूवार रात लगभग साढ़े नौ बजे वह छत पर खड़ा होकर मोबाइल फोन पर बात कर रहा था. लेकिन  कुछ देर बाद वह मुंडेर से सीधे जमीन पर आ गिरा. शुरुआती पड़ताल में यह प्रतीत हुआ कि वह संतुलन बिगड़ने से गिरा है. लेकिन  यह आत्महत्या प्रतीत होता है. इसे महज एक हादसा नहीं माना जा सकता. क्यूंकि गिरने से पहले उसने छत पर मुंडेर के नीचे अपनी चप्पल उतार दी थी. मोबाइल भी फ्लाइट मोड पर मिला है. गिरने से पहले उसने तीन अलग अलग नंबरों पर फोन पर बात की थी. मां से फोन पर बात करने के दौरान उसने कहा था कि उसका मन नहीं लग  रहा,उसे अच्छा  नहीं लग रहा.

नौका विहार में गोल्ड विनर
महेश्वर में बीते वर्ष नर्मदा नदी में अंतर्राज्यीय नौका विहार प्रतियोगिता में युवराज को गोल्ड मेडल मिला था. वह स्पोर्ट्स में काफी एक्टिव रहता था. वह नेवी में जाना चाहता था. वो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. उसके पिता समाज के अध्यक्ष होने के साथ ही खेती किसानी का काम करते है. कुछ माह पहले ही युवराज इंदौर आया था. यहां एक निजी एकेडमी में पढ़ाई करते हुए वह नेवी के एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था. परीक्षण के दौरान उसकी आंखों में कमी पायी गई थी, जिसका परिवार ने ऑपरेशन  करवाया  था.

अधूरा रह गया सेना में जाने का सपना
दो पीढ़ियों का सेना में जाने का सपना अधूरा रह  गया. युवराज के पिता भी सेना में जाना चाहते थे,लेकिन पारिवारिक हालात के कारण वह सेना में भर्ती नहीं हो सके. उसके बाद युवराज के जन्म के वक़्त ही उन्होंने तय किया था कि उसे सेना में भेजेंगे. युवराज ने भी तय किया था कि वह सेना में भर्ती होगा. उसी की  तैयारी करने वह इंदौर आया था.

Tags: Indore News Update, Madhya pradesh latest news

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