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Chhattisgarh के लोगों के जीवन में बदलाव लाएगी महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना

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Chhattisgarh के लोगों के जीवन में बदलाव लाएगी महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना

रायपुर, 02 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ग्रामीण विकास को लेकर कई योजनाएं चला रहीं है। नरवा गरवा घुरवा बाड़ी प्रोजेक्ट ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई राह दिखाई है। अब गौठानों का औद्योगिकीकरण भी होने लगा है। गांधी जयंती 2022 छत्तीसगढ़ के इतिहास में हमेशा यद् की जाएगी। रविवार को गांधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना’ का शुभारंभ हो गया।

सीएम भूपेश बघेल ने गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश को बड़ी सौगात देते गए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच के मुताबिक ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए यहां विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि महात्मा गांधी के स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गांवों के सपने को साकार करने में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की खास भूमिका होगी। इस योजना के जरिये से गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में मजबूती से कदम उठाया गया है। महात्मा गांधी का मूलमंत्र श्रम का सम्मान करना था। उनकी इस भावना को आगे ले जाने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कटिबद्ध है। राज्य सरकार व्यक्ति को केन्द्र में रखकर योजनाएं बना कर संचालित कर रही है। जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएं और वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रही है। ,जिसमे लिए गौठानों में एक से तीन एकड़ भूमि में पार्क के लिए आरक्षित की गई है। पहले चरण में हर विकासखण्ड में 2 गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मंजूर सभी रूरल इंडस्ट्रियल पार्काें को एक-एक करोड़ रूपए की राशि दी गई है। इस मद से इन पार्काें में वर्किंग शेड और एप्रोच रोड बनाने के साथ बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ युवाओं के ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है।

सुराजी गांव योजना के तहत विकसित किए गए गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि और उद्यानिकी फसलों तथा लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की यूनिट स्थापित की जा रही है। साथ ही आटा-चक्की, दाल मिल, तेल मिल की स्थापना भी की जा रही है। इन गतिविधियों में ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ आय के अच्छे साधन मिल रहे हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इस योजना के लिए नोडल विभाग बनाया गया है।

रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर और छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके इस योजना की शुरुआत की गई। इसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के ‘लोगो’ का विमोचन भी किया।

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