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रायपुर. छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल फिर से शुरू हो गई है. इस बार कर्मचारियों की हड़ताल अनिश्चितकालीन है. हड़ताल सोमवार से प्रदेशभर में शुरू हो रही है. हालांकि कर्मचारी संघ का लिपिक वर्ग इस हड़ताल से पीछे हट गया है. फिर भी 90 विभागों के 4 लाख से ज्यादा कर्मचारी आज से हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप्प रहेगा. बताया जा रहा है कि आज शासन स्तर पर हड़ताली कर्मचारी संघ से बातचीत की कोशिश भी की जाएगी.
छत्तीसगढ़ सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि महासंघ ने अपना हक अब लड़ कर लेने की सोची है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में हर दो वर्ष में संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अद्यतन कर वेतन में बढ़ोतरी प्राप्त होती रही है, लेकिन कांग्रेस शासनकाल में 4 वर्ष होने को आए पर एक भी वेतनवृद्धि नहीं मिली है. ऐसे में अत्यंत अल्प वेतन में संविदाकर्मी कार्य करने पर मजबूर हैं. इनमें से अधिकांश ने सरकारी सेवा के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु पार कर चुके हैं, जिससे वे दूसरी नौकरी में भी नहीं जा सकते और कम से कम वेतन में ही जीविकोपार्जन के लिए मजबूर हैं.
इसलिए कर रहे विरोध
महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारियों हेमन्त सिन्हा, श्रीकांत लास्कर, सूरज सिंह,टीकम कौशिक,संजय सोनी ने बताया कि संविदाकर्मी काम ज्यादा तनख्वाह कम के सिद्धांत पर रखे जा रहे हैं, अधिकांश शासकीय कार्यालय वर्तमान में इन्हीं संविदाकर्मियों के बूते ही काम कर रहे हैं. अन्य विसंगतियों के अलावा संविदाकर्मियों के साथ ये अन्याय भी हो रहा है कि इनमें वरिष्ठ-कनिष्ठ कर्मचारियों में कोई वेतन अंतर नहीं है. अर्थात कोई व्यक्ति यदि 20 साल से किसी पद में संविदा पर कार्य कर रहा है तो उसका भी वेतन वही है जो आज उस पद में भर्ती होगा. यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था राज्य गठन के साथ ही चली आ रही है. नियमित कर्मचारियों की तरह इन संविदाकर्मियों को भी समयमान वेतन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए तभी हम एक समतापूर्ण कार्य संस्कृति का निर्माण कर पाएंगे.
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Tags: Chhattisgarh news, Raipur news
FIRST PUBLISHED : August 22, 2022, 10:09 IST
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