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MP: कांग्रेस ने ऑडिट के आधार पर राशन घोटाले का आरोप लगाया; सरकार ने कहा- एजी की रिपोर्ट ‘अंतिम’ नहीं

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भोपाल. विपक्षी दल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश महालेखाकार (एजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत ‘पोषण आहार या पूरक पोषाहार योजना’ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. दरअसल एजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य सामग्री के परिवहन के रिकॉर्ड में उल्लेखित ट्रक दरअसल परिवहन विभाग के पोर्टल में जांच करने पर मोटरसाइकिल और कार निकले. योजना में कथित अनियमितताओं और राशन वितरण की तुलना बिहार के कुख्यात चारा घोटाले से करते हुए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की है.

प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री चौहान के पास है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एजी की रिपोर्ट एक राय है ‘अंतिम सच’ नहीं है. भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक 4.05 मिट्रिक टन टेक होम राशन 1.35 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया. जिसमें 2393.21 करोड़ रुपए की लागत आई. उसमें विशेष तौर पर कहा गया है कि परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल के माध्यम से जांच करने पर खाद्य सामग्री के परिवहन के रिकॉर्ड में उल्लिखित ट्रकों की पंजीकरण संख्या मोटरसाइकिल, कार, ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर और टैंकर के निकले हैं.’

बिहार के चारा घोटाले से की तुलना
वर्मा ने आरोप लगाया कि रिकॉर्ड में उल्लिखित कोई भी पंजीकरण संख्या ट्रक का नहीं मिला. वहीं केके मिश्रा ने दावा किया, ‘रिपोर्ट में कहा गया है कि रिकॉर्ड के अनुसार बाड़ी, धार, मंडला, रीवा, सागर और शिवपुरी स्थित संयंत्रों से खाद्य सामग्री की आपूर्ति की गई थी. हालांकि रिकॉर्ड की जांच से पता चलता है कि इन स्थानों पर राशन स्टॉक उपलब्ध नहीं था.’ कांग्रेस नेताओं ने आश्चर्य जताया कि ‘मुख्यमंत्री चौहान के प्रभारी वाले विभागों में घोटाले क्यों होते हैं?’

उन्होंने कथित घोटाले की तुलना बिहार के चारा घोटाले से की जिसमें ट्रकों के रुप में सूचीबद्ध वाहनों के पंजीकरण नंबर नकली पाए गए और पंजीकरण संख्या स्कूटर और अन्य वाहनों के पाए गए थे. गृहमंत्री मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि एजी की रिपोर्ट केवल एक राय है और (ऑडिट) प्रक्रिया एक हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘ऑडिट रिपोर्ट की राज्य सरकार द्वारा जांच की जाती है और इसे अंतिम निष्कर्ष नहीं कहा जा सकता है. रिपोर्ट की राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) द्वारा भी जांच की जाएगी. कई बार विपक्ष का सदस्य पैनल का अध्यक्ष होता है और उस स्तर पर भी रिपोर्ट की जांच की जाती है.’

गृह मंत्री नरोत्तम ने रिपोर्ट को लेकर कही यह बात
गृह मंत्री ने कहा, ‘यह कहना गलत है कि रिपोर्ट अंतिम (निष्कर्ष) है. जांच के दौरान सभी चीजों पर चर्चा की जाती है और पैराग्राफ भी हटा दिए जाते हैं. मैंने ऐसा होते हुए देखा है.’ इधर, कांग्रेस की ओर से इंदौर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में करीब 111 करोड़ रुपये का राशन कागजों पर बांट दिया गया.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह घोटाला (पोषण आहार योजना के तहत) राशन वितरण में उस वक्त हुआ है जब राज्य कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था.’ वर्मा और पटवारी ने मामले की जांच ‘निष्पक्ष एजेंसी’ से कराने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में कथित राशन घोटाले का मुद्दा उठाएगी. कांग्रेस ने राशन वितरण में हुए कथित घोटाले को लेकर राज्य सरकार से 13 सवाल पूछे हैं.

Tags: Bhopal news, Madhya pradesh news

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