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Rajasthan: रबी की फसल के दौरान इस बार होगी बिजली की रिकॉर्ड डिमांड, पढ़ें क्या हैं इंतजाम

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हाइलाइट्स

राजस्थान में कुल बिजली का 41 फीसदी हिस्सा कृषि में खर्च किया जाता है
24 फीसदी बिजली उद्योगों के लिये और 22 प्रतिशत घरेलू क्षेत्र को सप्लाई होती है

जयपुर. राजस्थान में इस बार रबी की फसलों के दौरान रिकॉर्ड बिजली की डिमांड (Demand of electricity) का अनुमान लगाया जा रहा है. ऊर्जा विकास निगम (Energy Development Corporation) की मानें तो बिजली सप्लाई के इतिहास में पहली बार आने वाली रबी के सीजन के दौरान 17 से 18 हजार मेगावॉट बिजली की डिमांड रहने वाली है. इस बार रबी की सीजन के दौरान राज्य के 33 जिलों में से 20 जिलों में दिन के ब्लॉक में बारी बारी से बिजली की सप्लाई की जाएगी. राजस्थान में बिजली की खपत की बात की जाए तो कुल विद्युत उत्पादन का 41 फीसदी कृषि में किया जाता है.

राजस्थान में बिजली की सप्लाई की व्यवस्था करने वाले ऊर्जा विकास निगम के अनुसार किसानों को तय समयानुसार बिना व्यवधान के बिजली की सप्लाई की जाएगी. इसके लिए दूसरे राज्यों के साथ में निजी पावर उत्पादकों से बिंडिग की जा रही है. रबी की फसलें लगभग चार माह मे तैयार होती हैं. ऊर्जा विभाग के मुताबिक 15 नवंबर से 15 मार्च तक बिजली सप्लाई पीक पर रहेगी. पिछले साल दिसंबर में रबी के दौरान 15752 मेगावॉट बिजली की खपत हुई थी. वहीं इस साल जून में 16012 मेगावॉट की खपत हुई थी.

तैयारियों में जुटा ऊर्जा विकास निगम
राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की सप्लाई की बात की जाए तो सबसे ज्यादा डिमांड कृषि के क्षेत्र में ही होती है. कुल कनेक्शनों के दस फीसदी अकेले कृषि क्षेत्र के हैं. कुल बिजली की खपत का 41 फीसदी खर्च में कृषि में ही होता है. ऐसे में रबी की फसलों को पानी पिलाने के लिए बिजली की खपत भी रिकॉर्ड ही रहने वाली है. उर्जा विकास निगम को सरकारी विद्युत उत्पादन जो कि 7850 मेगावॉट है से लगभग 5 हजार मेगावॉट बिजली मिलती है. वहीं 1200 मेगावॉट के लिए कवई की निजी क्षेत्र से कॉन्ट्रेक्ट है.

निगम ने यहां से किया है बिजली का इंतजाम
इसके अलावा कवई प्लांट से 40 मेगावॉट का अतिरिक्त पीपीए किया गया है. नवेली लिंग्नाइट से लगभग 200 मेगावॉट, राजवेस्ट से 800 मेगॉवाट, एनटीपीसी से 1788 मेगावॉट, यूएनपीपी के तहत 849 मेगॉवाट, न्यूक्लियर पावर से 400 मेगावॉट के साथ में सोलर एनर्जी से 3000 मेगावॉट और हाईड्रो पॉवर से 800 मेगावॉट का इंतजाम अभी है. इसके अलावा दक्षिण भारत के राज्यों से ऊर्जा विकास निगम के अभियंता बिजली बैंकिंग या फिर अन्य विकल्पों के जरिए लेने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रबी के सीजन के दौरान पर्याप्त बिजली मिल सके.

किस सेक्टर में कितनी बिजली की डिमांड
राजस्थान में कृषि क्षेत्र के अलावा 24 फीसदी बिजली उद्योगों को सप्लाई होती है. 22 फीसदी घरेलू क्षेत्र में, 8 फीसदी अघरेलू क्षेत्र में और पांच फीसदी अन्य पर खर्च होती है. राजस्थान में सबसे ज्यादा 80 फीसदी कनेक्शन घरेलू क्षेत्र में है. कृषि में महज दस और उद्योगों में मात्र एक फीसदी कनेक्शन है. आठ फीसदी अघरेलू और पांच फीसदी अन्य क्षेत्र में हैं. इनमें रोड लाइट के कनेक्शन आते हैं.

Tags: Electricity, Electricity Department, Jaipur news, Rajasthan news

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