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RJS वीणा की सफलता की कहानी: 6 साल की उम्र में पिता को खोने के बाद उनके सपने को किया साकार

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हाइलाइट्स

वीणा सुहालका ने पिता के सपने को पूरा करने के लिये दिन रात एक दिया
उन्होंने मेहनत करनी नहीं छोड़ी और चौथे प्रयास में लक्ष्य हासिल कर लिया

निशा राठौड़.

उदयपुर. आरजेएस भर्ती परीक्षा (RJS Exam) में इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी है. हर किसी की अपनी एक कहानी है. कुछ ऐसी ही कहानी है उदयपुर की वीणा सुहालका (Veena Suhalka) की है. वीणा के पिता का सपना था कि वह आरजेएस बने. वीणा ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था. उसके बाद मां ने ही वीणा का लालन पालन किया. पिता की मौत के बाद लोगों ने उनकी मां को गांव में जाकर रहने की सलाह दी. लेकिन मां ने समाज और लोगों की परवाह किए बिना अपनी बेटी की अच्छी शिक्षा के लिए शहर में रहना ही उचित समझा.

वीणा की मां ने लोगों के घरों में जाकर गेहूं साफ करने के अलावा अन्य घरेलू कामकाज किये जिससे उसका घर चल सके और बेटी अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल में पढ़ सके. वीणा के पिता का जब निधन हुआ तब वह 6 वर्ष की थी. उसके बाद मां ने परिवार को संभाला. वीणा बचपन में ही अपने पिता के सपने को अपना लक्ष्य बना चुकी थी. लेकिन सफर आसान नहीं था.

वीणा को चौथे प्रयास में मिली सफलता
पढ़ाई के बाद वीणा को सरकार नौकरी तो मिल गई लेकिन सपना अभी भी अधूरा था. वीणा को आरजेएस परीक्षा में तीन बार निराशा हाथ लगी लेकिन उसने हार नहीं मानी. इस बीच वीणा की शादी हो गई. बाद में एक बेटी भी हो गई. उसके बावजूद वीणा ने घर-परिवार और ऑफिस का कार्य संभालते हुए आरजेएस की अपनी तैयारी जारी रखी. आखिरकार चौथी बार में वे आरजेएस परीक्षा में सफल हो गई.

वीणा वर्तमान में सहायक लेखा अधिकारी हैं
वीणा ने बेटी होने के बाद साक्षात्कार की तैयारी की थी. इस दौरान वे ऑफिस जाने से पहले लाइब्रेरी जाकर तैयारी करती. फिर घर आने के बाद बेटी को संभालते हुए तैयारी करती थी. वीणा वर्तमान में आबकारी विभाग में सहायक लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. वीणा ने बताया कि मां संपत देवी और पिता शिवलाल उनकी ताकत है. परिवार के सदस्यों की मदद से ही आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

तीन चरणों में होती है आरजेएस की परीक्षा
राजस्थान जूडिशियल सर्विस (आरजेएस) के लिए एलएलबी अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता है. राजस्थान न्यायिक सेवा पात्रता के अनुसार परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है. यह परीक्षा के तीन चरणों में होती है. इसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. अंतिम चयन के लिये स्कोर की गणना मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों को मिलाकर की जाती है.

Tags: Job and career, Rajasthan news, Udaipur news, Womens Success Story

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