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RJS Exam Result-2021: चूरू की अंजलि जानू ने किया टॉप, जानिए कैसे पाई सफलता

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हाइलाइट्स

टॉपर अंजलि जानू टेबल टेनिस की भी अच्छी खिलाड़ी रही है
अंजली के पिता सुरेश कुमार लाइब्रेरियन और मां सुधा जानू टीचर हैं

चूरू. आरजेएस परीक्षा -2021 (RJS Exam-2021) में टॉप कर सफलता का परचम लहराने वाली अंजलि जानू (Anjali Janu) सेल्फ स्टडी कर यह मुकाम पाया है. अंजलि के पिता लाइब्रेरियन और मां टीचर हैं. लिहाजा उन्हें घर पर पढ़ाई का पूरा माहौल मिला. अंजलि अपनी सफलता का श्रेय भी माता-पिता, परिजनों और दोस्तों को देती है. अंजलि बताती हैं कि हिंदी मीडियम में पढ़ने के बाद जब वह एनएलयू जोधपुर में गई तो उसे थोड़ी दिक्कत हुई थी. लेकिन उसने जल्दी ही इसे बैलेंस कर लिया. अंजलि के मुताबिक एक लड़की को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है. गनीमत रही कि उसे कम झेलनी पड़ी.

राजस्थान में बेटियों का मान बढ़ाने वाली अंजलि का कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में छेड़छाड़ और पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों को भेदभाव झेलना पड़ता है. यह समाज के लिए अच्छी बात नहीं है. खासकर जब छोटे शहर की लड़की किसी बड़े शहर में पढ़ने के लिए जाती है तो एक तरह से कई लोग उसे रोकने की कोशिश करते हैं. सफर करना हो या फिर अकेले रोड़ पर पैदल चलना हो एक लड़की के लिए इस युग में भी कई तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. लेकिन अगर कोई लड़की आत्मविश्वास और साहस के साथ आगे बढ़ती है तो उसे कोई परेशानी नहीं होती है.

अंजलि ने कोई कोचिंग नहीं की
अंजली कहती हैं कि उसके माता-पिता के शिक्षक होने का उसकी पढ़ाई पर बहुत फर्क पड़ा. उसने कोई कोचिंग नहीं की. सेल्फ स्टडी कर दूसरे ही प्रयास में सफलता पाई है. एनएलयू का बैकग्राउंड होने के कारण बहुत फायदा हुआ. अंजलि बहादुरी के साथ कहती है कि आज के युग में भी समाज में लड़कियों के मंथली पीरियड्स को लेकर जागरुकता नहीं है. इसके चलते उनकी पढ़ाई पर फर्क पड़ता है.

टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी भी रही है अंजलि
आपको बता दें कि अंजली के पिता सुरेश कुमार जानू बीदासर की स्कूल में लाइब्रेरियन है. वहीं उनकी मां सुधा जानू रिड़ी गांव की सरकारी स्कूल में टीचर है. अंजलि के पिता ने बताया कि नियमित दिनचर्या से अंजलि को सफलता मिली. पढ़ाई ही अंजली की हॉबी है. अंजलि ने एनएलयू जोधपुर से बीएससी एलएलबी किया है. अंजलि टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी भी रही है.

10 में से 8 लड़कियां सेलेक्ट होना अच्छा अचीवमेंट है
अंजलि बताती हैं कि माता-पिता के शिक्षक होने के कारण घर में शुरू से शिक्षा का माहौल था. इससे यह फायदा हुआ कि दिमाग डायवर्ट नहीं हुआ. पढ़ाई में एकाग्रता बनी रही. आरजेएस में टॉप 10 में से 8 लड़कियां सेलेक्ट होने पर अंजलि ने कहा कि यह बहुत अच्छा अचीवमेंट है. अंजलि के मुताबिक वकालत में अब भी लड़कियों के लिए हालात अच्छे नहीं हैं. अंजलि ने लड़कियों को संदेश देते हुये कहा कि मेहनत करें. जितनी फैसिलिटी मिले उतनी में ही जोरदार मेहनत करें. सफलता जरुर मिलेगी. एक लड़की पढ़ लिखकर कुछ बनती है तो परिवार और समाज आगे बढ़ता है.

Tags: Churu news, Education, Job and career, Rajasthan news

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