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VIDEO: ‘पुष्पा’ की तर्ज पर अजब-गजब तस्करी, नदी के सहारे हो रही थी बेशकीमती सागौन की स्मगलिंग

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नरसिंहपुर. नरसिंहपुर से एक अजब-गजब वीडियो वायरल हुआ है. इसमें सुपरहिट फिल्म ‘पुष्पा’ की तर्ज पर सागौन की लकड़ी की तस्करी हो रही है. यह वीडियो बताता है कि जिले में सागौन की स्मगलिंग किस हद तक हो रही है और तस्करों के हौंसले कितने बुलंद हैं. पहले साइकिल या दूसरी गाड़ी से लकड़ी की तस्करी करने वाले तस्करों ने इस बार लिए नदी का सहारा लिया. उन्होंने बरमान वन परिक्षेत्र में बरांझ नदी में बेशकीमती सागौन की लकड़ी बहा दी. इस लकड़ी को वन विभाग ने पकड़ लिया. इस लकड़ी की बाजार में कीमत करीब एक लाख रुपये बताई जा रही है.

हालांकि, जिस दिलेरी से इस सारे मामले को सोचे समझे तरीके से प्लान किया गया उसे लेकर वन विभाग को भी क्लीन चिट नहीं दी जा सकती? गौरतलब है कि यह मामला नरसिंहपुर जिले की आलनपुर बीट बरमान वन परिक्षेत्र का है. यहां बारिश की वजह से बरांझ नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इसे देखते हुए तस्करों ने इसका फायदा उठाया. उन्होंने सागौन के करीब 52 गट्ठे इस तरह से एक के पीछे एक बहाए. ताकि वह आसानी से इधर से उधर पहुंचाए जा सकें. दूसरी ओर, इस मामले की जानकारी किसी तरह जब वन-विभाग को मिली तो उसके होश उड़ गए. टीम ने तुरंत लकड़ी की खोजबीन की और आखिर उसे तलाश ही लिया.

कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका
बता दें, तस्करी के इस मामले को लेकर वन विभाग खुद कठघरे में हैं. क्योंकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जबरदस्त बारिश के बीच पेड़ों को काटना और फिर इस तरह से उनकी तस्करी करना आसान नहीं है. ऐसे में इस बात की आशंका है कि वन विभाग के किसी कर्मचारी ने तस्करों के साथ मिलकर इस कारनामे को अंजाम दिया है. कर्मचारी ने बाकायदा पूरी योजना के साथ इसमें शामिल होकर लकड़ी कटवाई. हैरानी की बात यह है कि नरसिंहपुर जिले के प्रभारी खुद वन मंत्री कुंवर विजय शाह हैं. तस्कर उनके ही प्रभार वाले जिले में वन को नहीं छोड़ रहे और उनकी नाक के नीचे वन संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

पहले भी जलते और कटते रहे पेड़
बताया जा रहा है कि वन सम्पदा के साथ खिलवाड़ नरसिंहपुर जिले में कोई नई बात नहीं है. यहां हालात तो ये रहे हैं कि वन्य जीवों के लिए आरक्षित नौरादेही अभ्यारण्य जैसे क्षेत्रों में भी वन संपदा से जमकर खिलवाड़ होता रहा है. कभी यहां जंगलों में कटे हुए ठूंठ को जलाया जाता रहा है, तो कभी यहां के खड़े जंगलों को चंद पैसों की खातिर कुल्हाड़ी से काटा जाता रहा है. जब अभ्यारण्य क्षेत्र के ये हालात हो सकते हैं तो फिर अन्य जंगलों का क्या कहना?

Tags: Mp news, Narsinghpur news



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