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इंदौर पीथमपुर की तर्ज पर भोपाल में बनेगा इन्वेस्टमेंट एरिया, दुनिया की नामी कंपनियां ने दिखाई दिलचस्पी

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भोपाल. राजधानी भोपाल में भी अब इंदौर- पीथमपुर की तर्ज पर इन्वेस्टमेंट एरिया बनाया जाएगा. इसकी तैयारी जोर शोर से शुरू हो चुकी है. इसमें अगले 2 से 3 साल में एक लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. इन्वेस्टमेंट एरिया बनने के बाद देश की कई नामचीन आईटी, फाइनेंस और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियां भोपाल आ सकती हैं. साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां भोपाल का रुख कर सकती हैं.

इन्वेस्टमेंट एरिया बनाने के पीछे सबसे बड़ी उम्मीद तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिकल व्हीकल बाजार से है. इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां भी मध्यप्रदेश में आ सकती हैं. अभी इनवेस्टमेंट एरिया बना भी नहीं है लेकिन उससे पहले ही हांगकांग की शीर्ष 10 गारमेंट कंपनी भोपाल आने में दिलचस्पी दिखा रही हैं. वहां की टेक्सटाइल कंपनियों के अधिकारी कई बार मध्य प्रदेश का दौरा कर चुके हैं.

विश्वस्तरीय कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
डेटा के क्षेत्र में काम कर रही कुछ विश्वस्तरीय कंपनियां भी डाटा सेंटर के लिए जमीन तलाश रही हैं. लॉजिस्टिक क्षेत्र में देश की दो शीर्ष कंपनियां भी यहां आने में दिलचस्पी रख रही हैं. कंपनियों की मनपसंद जगह भोपाल है. भोपाल में भंडारण और लॉजिस्टिक सेवाओं की अपार संभावनाएं विकसित करने पर भी जोर दिया जा रहा है. इंदौर में टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियों ने डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए हैं. उसी तर्ज पर कंपनियां भोपाल में भी सेंटर स्थापित करना चाहती हैं. इसकी वजह ये है कि भोपाल हर तरह से सुरक्षित और देश के मध्य में होने के कारण चारों दिशाओं में उसका पहुंच आसान है. सरकार के साथ चर्चा में कंपनियों ने इस तरह का रुख स्पष्ट किया है.

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भोपाल में हो जमीन
इन्वेस्टर एरिया के लिए पहले चरण में मध्य प्रदेश सरकार ने गूगल मैप की मदद से जमीन चिंहित की है. ये करीब 2000 हेक्टेयर यानि करीब 45 एकड़ जमीन है. जमीन अधिग्रहण में आने वाली सभी अड़चनों को दूर करने के लिए बातचीत की जा रही है. राजधानी भोपाल में बीएचईएल से 21 एकड़ सरकारी जमीन वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि उसमें काफी लंबा वक्त लग सकता है. उद्योग विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जो भी जमीन चिन्हित हो वो भोपाल जिले के राजस्व सीमा में ही हो.

जमीन अधिग्रहण की दिक्कतें दूर की जाएंगी
उद्योगों को एक ही जगह 200 से 300 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. भोपाल में इंडस्ट्रीज लाने वाली कंपनियों को एक ही जगह पर एक साथ 200 से 300 हेक्टेयर जमीन चाहिए है. इसी वजह से भोपाल में एक साथ इतनी बड़ी जमीन की तलाश की जा रही है. जमीन अधिग्रहण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए भी लगातार पहल शुरू की गई है. प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग ने भोपाल कलेक्टर के साथ जमीन अधिग्रहण करने और अधिग्रहण में आ रही बाधाओं को दूर करने के संबंध में चर्चा की है.

Tags: Bhopal latest news, Investment scheme, Madhya pradesh latest news

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