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रायपुर. भूपेश बघेल कैबिनेट के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव (TS singhdeo) की ओर से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री के पद से दिये गये इस्तीफे के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हचचल मचने की बजाय सियासी चुप्पी (Political silence) छा गई है. सिंह के इस्तीफे को लेकर न तो कांग्रेस ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया दी है और न ही बीजेपी ने. दोनों ही पार्टियां वेट एंड वॉच वाली स्थिति में है. इस बीच रविवार शाम को 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक होगी. हालांकि इस बैठक का एजेंडा राष्ट्रपति चुनाव और विधानसभा सत्र को लेकर बनाई जाने वाली रणनीति बताया जा रहा है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसमें चर्चा सिंहदेव की ओर से दिये गये इस्तीफे पर ही होनी है.
भूपेश बघेल सरकार में 17 दिसंबर 2018 को मंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले टीएस सिंहदेव के पास पंचायत और ग्रामीण विकास के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्री कार्यान्वयन और वाणिज्य कर (जीएसटी) की भी जिम्मेदारी है. सिंहदेव ने इनमें से शनिवार शाम को अचानक पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वे स्वास्थ्य विभाग समेत जिम्मेदारी वाले अन्य विभागों के मंत्री बने रहेंगे.
दोनों खेमों की चुप्पी की यह बताई जा रही है वजह
सिंहदेव ने अपने चार पेज के भेजे गये इस्तीफे में इस बात के संकेत दिये हैं कि सरकार में उन्हें दरकिनार किया जा रहा है. उनके विभाग में अनावश्यक दखलअंदाजी की जा रही है. उन्होंने अपने इस्तीफे में इन कारणों का खुलासा भी किया है. इनमें सिंहदेव ने उनके विभाग में की जा रही कई तरह की दखलअंदाजी और प्रोटोकॉल के उल्लंघन के बिन्दुओं को गिनाया है. माना जा रहा है बघेल और सिंहदेव के खेमों में बंटे पार्टी के विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता फिलहाल दोनों के पलड़े में तौलने में लगे हैं. लिहाजा कोई कुछ नहीं बोल रहा है.
सिंहदेव पार्टी में हमेशा के चर्चा के केन्द्र बिन्दु रहे हैं
उल्लेखनीय है कि सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच तनातनी किसी ये छिपी हुई नहीं है. सरगुजा इलाके की अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के गठन के समय सीएम पद के ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे की चर्चा के दौरान सिंहदेव का नाम काफी चर्चा में रहा था. उसके बाद से ही सिंहदेव लगातार छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चर्चा का केन्द्र बिन्दु रहे हैं.
बीजेपी ने इसलिये चुप्पी साध रखी है
सिंहदेव के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि वह अभी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर चुप्पी साधे बैठी हुई है और विधायकों को साधने में जुटी है. छत्तीसगढ़ विधानसभा की कुल 90 सीटों मे से 73 सीट कांग्रेस के पास और 14 बीजेपी के पास है.
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Tags: Chhattisgarh news, Congress politics, Political news, Raipur news, TS Singh Deo Story
FIRST PUBLISHED : July 17, 2022, 09:23 IST
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