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पहले कैंसर से जीती जंग, अब बनी मरीजों की उम्मीद, 12 हजार फीट ऊंची चोटी चढ़कर पेश की मिशाल

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बिलासपुर. कैंसर जैसी भयानक और खतरनाक बीमारी का नाम सुनते ही लोग कांप जाते हैं. अगर किसी को ये पता लग जाए कि उसे कैंसर हो गया है तो उसकी जीने की हिम्मत ही टूट जाती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने खुद कैंसर की जंग जीती और फिर बाद में दूसरे कैंसर मरीजों की उम्मीद का एक हिस्सा बन गए. केंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए एक महिला ने 12 हजार फीट की ऊंची चोटी को फतह कर दूसरे केंसर रोगियों को रोग से लड़ने की हिम्मत दी है. महिला ने इस हौसले के साथ ही जिंदगी जीने की एक नई इबारत लिख दी. बिलासपुर की रहने वाली अनुराधा शर्मा ने एक संस्था बनाई है.

इस संस्था का नाम स्पंदन है. यह संस्था कैंसर के उन मरीजों को हौसला देती है जो टूट चुके हैं. इस संस्था का मकसद कैंसर पीड़ितों को मनोबल प्रदान करना है. इस संस्था की सदस्य प्रियंका राजेश्वरी ने इसकी मिसाल पेश की है. प्रियंका एख हाउस वाइफ हैं और कैंसर को मात दे चुकी हैं. प्रियंका ने हाल ही में 12 हजार फीट ऊंची चोटी फतेह कर यह संदेश दिया है कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी को भी मनोबल और हिम्मत से हराया जा सकता है.

यह संस्था जरूरत मंदों की मदद करती है. यह किसी तरह के फंड या फिर एनजीओ पर निर्भर नहीं हैं. इसी संस्था के सदस्य आपस में मिलकर लोगों की मदद करती है. अब यह संस्था सैकड़ों केंसर मरीजों का संबल बन रही है.

सदस्यों के पास है अनोखे हुनर
स्पंदन संस्था के जरिए कैंसर पीड़ित ये महिलाएं केवल कैंसर मरीज ही नहीं हैं. इनमें से कोई बहुत अच्छी साहित्यकार हैं, जो कविताएं लिखती है तो कोई अच्छी डांसर हैं. एक ऐसी कैंसर पीड़ित महिला हैं जिन्हें 4 बार कैंसर हो चुका है. लेकिन वे बहुत शानदार डांसर हैं. एक ऐसी महिला जिनका खुद केनवास कैंसर की तकलीफ से भरा है लेकिन खूबसूरत पेंटिंग के जरिये वे खुद कैंसर से लड़कर ठीक हो रही हैं.

यूं तो सभी को मालूम है कि जीवन को संघर्षों के बीच हंसकर जो जी गया उसी को जिंदगी जीने की कला आती है. जिंदगी और मौत के बीच फासला भले ही बहुत कम हो लेकिन हिम्मत और होसलों के बूते उस सफर को आसान जरूर किया जा सकता है.

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