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राजस्थान के इस जिले में लंपी वायरस का एक भी केस नहीं… जानते हैं पूरी सच्चाई 

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रिपोर्ट – हर्षिल सक्सेना

बारां. लम्पी वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर के पशुपालकों की नींद उड़ी हुई है. देश के 11 लाख से अधिक पशु इस रोग की चपेट में आ चुके हैं. यह संक्रमण अब तक देश के 12 राज्यों के 165 ज़िलों में फैल चुका है और बाकी राज्यों में इसके फैलने की आशंका भी बनी हुई है. राजस्थान की बात करें तो यहां हज़ारों पशु इस बीमारी से मारे जा चुके हैं और लाखों संक्रमित हैं. हालांकि इन आंकड़ों के बीच बारां ज़िले से एक पाॅज़िटिव खबर सामने आ रही है, जहां किसी पशु की मौत इस बीमारी से नहीं हुई है. इस ज़िले में जो कदम उठाए गए, वो मिसाल भी बन रहे हैं.

लम्पी स्किन डिसीज़ से करीब 60 हजार से अधिक पशु काल के ग्रास में समा चुके हैं. जिस तेज़ी से यह बीमारी फैल रही है, उसे देखते हुए इसे राष्ट्रीय महामारी घोषित करने की मांग की जा रही है. राजस्थान में इस वायरस से अब तक 45 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है और आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक करीब साढ़े 10 लाख से अधिक पशु संक्रमित हैं. लम्पी स्किन वायरस का सबसे अधिक कहर बीकानेर ज़िले में टूटा है, जहां हर रोज़ 300 गायों की मौत होना बताया जा रहा है. इस बीच राजस्थान के बारां ज़िले की चर्चा हो रही है.

क्या कदम उठाकर मिसाल बना बारां?

जब यह बीमारी प्रदेश के ज़िलों में फैल रही थी, तब बारां के युवाओं ने इस बीमारी को गंभीरता से लिया और सोशल मीडिया पर अभियान चला कर इसकी भयावहता लोगों को बताई. वाॅट्सऐप ग्रुपों में जुड़े हुए पशु अधिकारियों ने समय से पहले ही इस बीमारी को भांपकर अपने अभियान को तेज़ किया. ज़िले भर के पशु चिकित्सकों ने पशुपालकों और स्वयंसेवी संस्थाओं को जागरूक किया. उसके बाद हर गौशाला में जाकर वैक्सीनेशन भी किया.

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यही नहीं, सड़क पर फिरने वाले आवारा मवेशियों के वैक्सीनेशन में भी बारां ज़िले ने तत्परता दिखाई. सभी गौशालाओं में पशुओं को अलग-अलग ग्रुपों में बांटने की तरकीब भी अपनाई गई. इससे हुआ यह कि इस रोग की डरावनी छाया पशुओं पर नहीं पड़ी. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश सुमन के मुताबिक बारां ज़िले में अभी तक लम्पी वायरस का कोई केस रिकॉर्ड नहीं हुआ.

विभाग और पशुपालकों ने उठाए साझा कदम

सुमन ने कहा, ‘हम एहतियात के तौर पर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं. 70 हजार ड़ोज पूरे ज़िले में पशुओं को लगाए जा चुके हैं. 5 हजार ड़ोज और आई हैं, वो भी पशुओं को जल्द लगाई जाएंगी. हर नोडल क्षेत्र में 18 से 20 टीमें काम कर रही हैं, जिनमें डॉक्टर और एलएसए लगे हुए हैं. उन्होंने बताया ‘हमारे यहां गुजरात से भी टीम आई है, जो 3 सप्ताह से वैक्सीनेशन कर रही है.’

इध्रर, शहर की पुरानी नाकोड़ा कॉलोनी में रहने वाले पशुपालक विनोद ने बताया कि ‘लंपी वायरस के जानलेवा होने के बारे में पता चलने के बाद से ही पशुओं को खुले में छोड़ने के बजाय उन्हें चारदीवारी में ही रखकर चारा पानी दिया.8 कोटा रोड के पशुपालक चेतन के मुताबिक पशुओं की नियमित जांच करवाकर वो मवेशियों का वैक्सीनेशन करवा चुके हें.

Tags: Rajasthan news, Virus

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