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हाइलाइट्स
पीड़िता ने अपनी याचिका में कहा कि आरोपी मंत्री पुत्र है और अपनी पहुंच के चलते गवाहों को प्रभावित कर सकता है.
साथ ही पीड़िता ने आशंका जताई कि आरोपी भगोड़ा भी हो सकता है.
नई दिल्ली. राजस्थान के मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहित जोशी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. दरअसल रोहित पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने उसको मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट ने इस मामले में रोहित जोशी के साथ ही दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को की जाएगी. मामले में राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अमित साहनी पेश हुए. महिला याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मनीष पांडा और अभिषेक पति द्वारा याचिका दायर की गई थी.
कोर्ट ने सही विवेचना नहीं की
महिला ने अपनी याचिका में कहा कि अग्रिम जमानत देते समय तीस हजारी कोर्ट ने रोहित जोशी पर लगे गंभीर आरोपों की सही ढंग से विवेचना नहीं की और न ही इस दौरान कानून का ध्यान रखा गया. इसी के साथ तीस हजारी कोर्ट ने रोहित को अग्रिम जमानत दे दी.
महिला ने याचिका में कहा कि कोर्ट ने जमानत देते समय उसके चरित्र, व्यवहार और उसके एक ही अपराध को बार बार करने की ओर ध्यान ही नहीं दिया. अदालत ने ये भी नहीं देखा कि वे एक मंत्री पुत्र हैं और शक्तिशाली हैं साथ ही उनकी पहुंच भी अच्छी खासी है.
जाइसके साथ ही महिला ने आरोप लगाया कि रोहित जोशी एक मंत्री के पुत्र हैं और उनकी पहुंच ऊपर तक है. ऐसे में वे गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं जिससे उनके मामले पर असर पड़ेगा. महिला ने ये भी कहा कि वे हर तरह से सक्षम हैं और ऐसे में रोहित के भगोड़ा होने की भी प्रबल संभावनाएं हैं. इसके साथ ही महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया कि वे रोहित को तीस हजारी कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द करें.
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Tags: DELHI HIGH COURT, Rape cases
FIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 18:48 IST
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