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Bilaspur: भगवान गरुड़ की ग्रेनाइट की दुर्लभ मूर्ति तोड़कर ले गए चोर, मंदिर सेवक को जमकर पीटा

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बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ऐतिहासिक और दुर्लभ गरुड़ गणेश की ग्रेनाइट मूर्ति को एक बार फिर चोरों ने निशाना बनाया. गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात को मंदिर के पुजारी की कनपटी पर कट्‌टा अड़ाकर चोरों ने उनके हाथ-पैर बांध उनकी पिटाई की और मूर्ति चोरी कर भाग निकले. चोरी की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. घटना जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम इटवा पाली है. यहां 10वीं और 11वीं सदी की प्राचीन गरुड़ गणेश की ग्रेनाइट की मूर्ति है. मंदिर की देखरेख करने वाला सेवक महेश केवट गुरुवार की रात मंदिर में ही सो रहा था, तभी चार बदमाश मंदिर परिसर में पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने महेश की कनपटी पर कट्‌टा अड़ा दिया और उसके हाथ-पैर को बांध दिए. मुंह में टेप चिपका दिया. इसके बाद चाबी मांगी और नहीं देने पर पुजारी की पिटाई की. बाद में किसी तरह चाबी को हासिल मंदिर में स्थापित मूर्ति को औजार के सहारे निकालने लगे. मूर्ति को उखाड़ने की कोशिश में नाकाम हुए तो तोड़कर ले गए.

चोर मूर्ति को उखाड़ नहीं पाए, इसलिए उसे तोड़कर ले गए. ग्रामीण सुबह जब मंदिर पहुंचे, तब सेवक बंधा मिला और गर्भ गृह से मूर्ति गायब मिली. चोरी की खबर मिलते ही मस्तूरी पुलिस की टीम के साथ आईजी रतनलाल डांगी, एसएसपी पारुल माथुर मौके पर पहुंचे. उन्होंने डॉग स्क्वॉड, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट टीम को भी बुलाया. पुलिस की टीम चोरों की जानकारी जुटा रही है.

65 किलो वजनी मूर्ति को किसी एक शख्स के द्वारा चोरी किया जाना संभव नहीं है. बताया जा रहा है कि आधा दर्जन के आसपास लोग पहुंचे जिनके द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के बाद से इलाके के लोगो मे काफी ज्यादा अक्रोश है. घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में गांव के लोग मंदिर के आसपास इकट्ठा हो गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक, भांवर गणेश की मूर्ति 2004 एवं 2007 में दो बार चोरी हो चुकी है. एक बार 2004 में पुलिस ने बिलासपुर स्थित सिरगिट्टी थाना क्षेत्र से 4 लोगों को पकड़ा था जिनके कब्जे से मूर्ति को बरामद किया था.

दूसरी बार 2007 मे चोरी हो गई थी लेकिन कुछ दिन चोर उसे स्थापित कर गए थे. अंतरराष्टीय बाजार में मूर्ति की कीमत 15 से 20 करोड़ बताई जा रही है. यही वजह है कि चोरों के द्वारा इसे बार-बार निशाना बनाया जा रहा है. पाली क्षेत्र ही नहीं, बिलासपुर जिले के मल्हार सहित कई इलाकों में 10वीं और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां रखी हुई हैं.

Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news

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