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MP: मूसलाधार बारिश से टापू बना गांव, 300 से ज्यादा ग्रामीण लड़ रहे जिंदगी की जंग, देखें तस्वीरें

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श्योपुर. मध्यप्रदेश में मानसून मेहरबान है. बीते दिनों से लगातार बारिश देखने को मिल रही है. पार्वती नदी में आए उफान के बाद पिछले 17 घंटों से जिले का सुंडी गांव टापू बना हुआ है. इस गांव में 300 से ज्यादा ग्रामीण फंसे हुए हैं. जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं. ग्रामीणों द्वारा बार-बार प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है लेकिन प्रशासन ने राहत एवं बचाव के कोई इंतजाम अभी तक नहीं किए हैं.

इससे ग्रामीण डरे हुए हैं और वह गांव के मंदिर पर बैठकर भगवान का भजन करके ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि, ईश्वर उनकी रक्षा करें. ग्रामीणों के हालातों को जानने के लिए न्यूज 18 संवाददाता इन मुश्किल हालातो में सुंडी गांव में पहुंचे और ग्रामीणों के हालात जाना.

पार्वती नदी से घिर जाने के बाद टापू बने सुंडी गांव में प्रशासन को तत्काल राहत एवं बचाव के इंतजाम करने चाहिए थे. लेकिन पिछले 17 घंटे से इस गांव में किसी भी तरह की कोई मदद प्रशासन ने नहीं पहुंचाई गई है. हमारे संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात देखे. पूरे गांव में डर का माहौल है क्योंकि गांव नदी से चारों ओर से घिरा हुआ है. कुछ लोग तो गांव छोड़ कर जा चुके हैं.

लेकिन अभी भी गांव में 300 से ज्यादा ग्रामीण फंसे हुए हैं. जिन्हें प्रशासन की मदद का इंतजार है. डरे हुए ग्रामीण गांव के मंदिर पर इकट्ठे होकर भगवान का भजन करने को मजबूर है क्योंकि अब उनकी जिंदगी भगवान के ही भरोसे है.

हर साल की बारिश में परेशान होते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह हर साल बारिश के सीजन में मुसीबत से जुड़ते हैं. हर बार नदी उनके गांव को घेर लेती है. लेकिन, प्रशासन बारिश के बाद उनकी सुध लेना भूल जाता है. इस पर हर बार बार इसमें उन्हें जिंदगी और मौत से जंग लड़नी पड़ती है. प्रशासन चाहे तो ग्रामीणों को अभी रेस्क्यू कराकर उन्हें जमीन के बदले दूसरे सुरक्षित स्थान पर जमीन देकर और पीएम आवास योजना से पक्के घर मंजूर करके उनकी मुसीबत को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है.

लेकिन, इस तरह के इंतजाम तो दूर प्रशासन ने गांव के बीमारों को दवाइयां उपलब्ध कराने और बीमार व गर्भवती महिलाओं को गांव से बाहर निकालने के इंतजाम तक अभी तक नहीं किए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि, पिछले साल तक तो कलेक्टर सहित दूसरे अधिकारियों ने उनकी सुध ली थी लेकिन इस बार उनकी सुध लेने के लिए एक फोन तक नहीं आया है. उन्होंने जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करके मदद की गुहार लगाई है.

Tags: Madhya pradesh news, Sheopur news

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