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MP: राजनीतिक पार्टियों का कार्यकर्ताओं पर फोकस, बड़े-बड़े नेता दूर कर रहे ये नाराजगी

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भोपाल. मध्य प्रदेश में सवा साल के बाद विधानसभा का चुनाव होना है, लेकिन अपने ही कार्यकर्ताओं से न मिलने की नाराजगी झेलने वाले नेताजी अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं. नेताजी  की उपलब्धता अब बढ़ गई है. अक्सर कार्यकर्ताओं को इस बात की शिकायत रहती थी कि मंत्री और नेता मिलने का समय नहीं दे रहे, लेकिन अब आलम यह है कि चुनाव को नजदीक आते देख बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के सुर भी बदले हुए नजर आ रहे हैं.

हाल ही में बीजेपी के पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष बने नारायण सिंह कुशवाह ने मंच से ऐलान किया कि वह कार्यकर्ताओं के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं. कोई भी कार्यकर्ता उनसे फोन पर संपर्क कर सकता है. ओबीसी वर्ग के जिला स्तर पर होने वाले सम्मेलन के दौरान भी नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के सामने आसानी से उपलब्ध होंगे. दरअसल नेताजी को चिंता अगले विधानसभा चुनाव की है.  यही वजह है कि चुनाव के सवा साल पहले पिछड़ा वर्ग की कमान संभालने वाले नारायण सिंह कुशवाह अब अपनी उपलब्धता आसानी से होने की बात कह रहे हैं.

कांग्रेस नेता भी बदले
इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध होते हैं. यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन, अब और आसानी से उपलब्ध होंगे. पार्टी के निर्देश हैं किकार्यकर्ताओं की सुनवाई पार्टी के अंदर होना चाहिए. ऐसा नहीं है कि चुनाव के नजदीक आने के कारण सिर्फ बीजेपी को ही कार्यकर्ताओं की चिंता सता रही है, बल्कि कांग्रेस भी अब कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर नजर आ रही है. खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि वह अब खुद के आसानी से उपलब्ध होने की बात मंच से कहते हुए सुनाई दे रहे हैं.

नेताजी ने बनाया प्लान
वहीं, हाल ही में प्रदेश कांग्रेस आदिवासी वर्ग के अध्यक्ष बने ओमकार सिंह मरकाम ने भी पदभार संभालते ही अपनी उपलब्ध कार्यकर्ताओं को बता दी. ओमकार सिंह मरकाम ने बताया कि हर मिनट वह कितने लोगों से मुलाकात कर सकते हैं और इसके लिए उन्होंने क्या खाका तैयार किया है. बहराल यह अच्छी खबर है कि चुनाव के बाद अक्सर गुम हो जाने वाले नेता अब पार्टी कार्यकर्ताओं को आसानी से उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं. सिर्फ जनप्रतिनिधि ही नहीं, बल्कि पार्टी से जुड़े संगठनों में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले नेता भी अब आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. मतलब साफ है कि अगले सवा साल तक नेताओं की उपलब्धता कार्यकर्ताओं के लिए आसान होगी, क्योंकि चुनाव में लोगों के बीच जाने से पहले अपनी उपलब्धता को लेकर नेताजी वोटरों की नाराजगी को खत्म करने की कवायद में हैं.

Tags: Bhopal news, Mp news

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