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जयपुर. विधानसभा का सत्र 19 सितम्बर से शुरू होने जा रहा है. 15वीं राजस्थान विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक को पुनसंयोजित(Reconvening The Assembly ) किया जा रहा है. असल में इस साल के बजट सत्र के लिए विधानसभा का सत्र 28 मार्च 2022 तक चलाया गया था और इसके बाद इस सत्र का अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. लेकिन इस सत्र का सत्रावसान नहीं किया गया था. लिहाजा इसी सत्र का हिस्सा भी अब 19 सितम्बर से शुरु होने वाली बैठकें मानी जाएगी. राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने सत्र बुलाए जाने के सम्बन्ध में विधानसभा को पत्र लिखा है. जिसके मुताबिक 19 सितम्बर से लेकर 24 सितम्बर तक विधानसभा की बैठकें आयोजित की जा सकती हैं.
विधायकों के प्रश्न लगाने के संबंध में होंगी अड़चनें
विधानसभा में साल का पहला सत्र बजट सत्र होता है और इस सत्र के लम्बे चलने के कारण इस सत्र में तारांकित और अताराकिंत दोनों मिलाकर एक विधायक सौ सवाल लगा जा सकते हैं. नियमों के मुताबिक सदन में एक सत्र में एक सदस्य 40 तांराकित और 60 अतारांकित सवाल ही लगा सकते है. ऐसे में सदन में ज्यादा सवाल लगाने के मामले से सक्रिय रहने वाले सदस्य जिन्होंने अपने सवालों का कोटा पूरा कर लिया है वो इस सत्र में सवालों से वंचित रहने वाले हैं. मिली जानकारी के मुताबिक नियमों का हवाला देकर जिन सदस्यों के कुल 100 सवाल लग चुके हैं उनके इस सत्र में सवालों को विधानसभा सचिवालय स्वीकार नहीं करेगा.
बीजेपी ने दिया सत्र को लेकर बड़ा बयान
लगातार दूसरी बार बजट सत्र के बिना सत्रावसान के सदन के बैठक बुलाए जाने के मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने इसे ट्रेंड बना लिया है जो गलत है इस बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया जाएगा. वहीं भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी सातवें सत्र यानी बजट सत्र के दौरान चालीस तारांकित और साठ अतारांकित प्रश्न लगा चुके, लेकिन अब वो कोई सवाल नहीं लगा सकते है.
इस मामले में देवनानी ने कहा कि सरकार सवालों से बचाना चाहती है और सत्रावसान नहीं करके इस प्रकार से गली निकाल ली है. सत्र की आड़ में ऐसे सक्रिय. सदस्यों को सवाल लगाने की अनुमति नहीं देना उनके साथ अन्याय है. ऐसे में सक्रियता अभिशाप हो गई है, देवनानी ने कहा कि सत्रावसान नहीं होने के कारण अन्त:सत्रकालीन सवाल भी नहीं लगा सके.
15वीं विधानसभा के छठें सत्र के दौरान भी ऐसा ही हुआ था
सरकार नें पिछले बजट सत्र के दौरान यानि साल 2021 में 10 फरवरी को बजट सत्र शुरू हुआ था और राज्य का बजट पास करवाने का काम भी 19 मार्च 2021 को कर लिया था तब भी बजट सत्र का सत्रावसान नहीं किय़ा था. फिर से सदन की बैठक 9 सितम्बर को बुलाकर 18 सितम्बर तक बैंठकें हुई थी. तब विपक्ष ने सरकार की ओर से इस तरह की अपनाई गई प्रक्रिया का विरोध किया था. वही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने कहा था कि सत्र पींग-पोंग के खेल जैसा हो गया है.
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Tags: Jaipur news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 20, 2022, 20:42 IST
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