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जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनावों के नियमों में बदलाव को लेकर सिंडिकेट बैठक हुई. सिंडिकेट में चार महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. लेकिन तीन दिन पहले छात्र नेताओं को दिए गए आश्वासन के बिंदुओं पर कोई सहमति नहीं बनी. बैठक में नियमित विद्यार्थियों को ही चुनाव लड़ने और मतदान का अधिकार दिया गया है. साथ ही स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा देने और पीजी द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत, पंचवर्षीय विधि कॉलेज के सभी अध्ययनरत विद्यार्थियों को चुनाव लड़ने और मतदान का अधिकार दिया है. 10 वें सेमेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थी को सिर्फ मतदान करने का ही अधिकार दिया गया है. जबकि तीन पहले छात्रनेताओं के टंकी पर चढ़ने पर प्रशासन ने यूआरटीपीजी और युलेट की परीक्षा देने वाले विधार्थियों को चुनाव लड़ने और मतदान करने के फैसले को लेकर आश्वासन दिया था. इस पर कोई फैसला नहीं होने पर छात्र नेताओं का विरोध दोबारा शुरू हो गया है. इस विरोध में एबीवीपी के सात कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को हिरासत में भी लिया है.
ये लिए गए फैसले
समस्त स्नातकोत्तर विभाग में द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत सभी विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने के लिए योग्य होंगे. संघटक महाविद्यालयों के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष ( 2021-22 ) में जिस भी नियमित विद्यार्थी ने परीक्षा दी है एवं प्रथम वर्ष 2022-23 के अध्ययनरत सभी विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने के लिए योग्य होंगे. विधि महाविद्यालय के प्रथम, द्वितीय वर्ष के नियमित विद्यार्थी जिन्होंने 2021-22 में परीक्षा दी है, वे छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने के लिए योग्य होंगे. पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय अध्ययनरत समस्त विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने के लिए योग्य होंगे परन्तु दसवें समेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थी पंचवर्षीय महाविद्यालय में चुनाव नहीं लड़ सकेगा. वह केवल मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा तथा वह राजस्थान विश्वविद्यालय अपेक्स बॉडी के लिए चुनाव लड़ सकेगा.
चुनावों के बाद सत्र 2022-23 में नियमित नहीं रहे तो होगी कार्रवाई
सिंडिकेट बैठक में लिए गए निर्णयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी यदि चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें सत्र 2022-23 में विश्वविद्यालय के नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययनरत होना अनिवार्य होगा. यदि वह 2022-23 में किसी भी कारण विश्वविद्यालय का नियमित विद्यार्थी नहीं रहता है तो छात्रसंघ में उसका पद स्वतः ही समाप्त हो जाएगा. यदि कोई विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव लड़ता है एवं उसका परीक्षा परिणाम अभी लंबित है तथा वह विद्यार्थी परीक्षा में रूसु संविधान के अनुसार उत्तीर्ण नहीं हो पाता है तो छात्रसंघ में उसका पद स्वतः ही समाप्त हो जाएगा. चुनाव लड़ने के प्रत्याशी नामांकन पत्र के साथ उपरोक्त के लिए एक शपथ-पत्र भी प्रस्तुत करेंगे.
एबीवीपी का विरोध शुरू
एबीवीपी के तीन कार्यकर्ता 6 जून को टंकी चढ़कर एडमिशन 100 फीसदी करने और चुनाव लड़ने का सभी को अधिकार देने की मांग कर रहे थे. जिसपर परेशान ने यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पीजी एंट्रेस टेस्ट देने और युलेट की एक्जाम देने वाले विद्यार्थियों को चुनाव लड़ने और मतदान करने का आश्वासन दिया था. लेकिन इन बिन्दुओं पर बुधवार को हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया. जिसके चलते एबीवीपी के कार्यकर्ताओ ने विरोध शुरू कर दिया है. बैठक के बाद कार्यकर्ताओं ने कुलपति का घेराव करने पर सात कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. जिसके बाद कुलपति सचिवालय के बाहर विद्यार्थियों ने धरना शुरू कर दिया है.
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Tags: Jaipur news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 10, 2022, 21:57 IST
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