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हर्षिल सक्सेना, बारां. पिछले 2 साल से इंतजार कर रहे बारां जिलेवासियों के लिए अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने को हैं. जिला प्रशासन की इजाजत के बाद भाद्रपद्र शुक्ल एकादशी के शुरू होने वाले ख्यातनाम ड़ोलमेले की प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कोरोना काल के 2 साल बाद लगने वाले ड़ोल मेले को लेकर जिलेवासियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. शहर के गली-चौराहे से लेकर गांवों तक ड़ोल मेले को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं.
नगरपरिषद् की ओर से आयोजित किये जाने वाले मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके लिए परिषद् ने मेला ग्रांउड़ से अतिक्रमण हटाने के साथ ही दुकान आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए डोल तालाब की पाल पर कैंप भी लगाया गया है. साथ ही जलझूलनी एकादशी पर निकलने वाले शोभायात्रा के बाद जलवा पूजन को लेकर परिषद् द्वारा तालाब की पाल को समतल व सीमेंटेड किया जा रहा है. वर्तमान में ड़ोल तालाब का सौंदर्यकरण का कार्य चल रहा है.
आखिर क्यों खास है ड़ोलमेला
कोटा संभाग के बारां जिले में देवविमानों की शोभा यात्रा आकर्षण का केंद्र रही है. शोभायात्रा को देखने के लिए शहरवासी ही नहीं बल्कि जिले के अलग-अलग कस्बों सहित पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश के लोग भी शोभा यात्रा को देखने आते हैं. शोभायात्रा में हजारों की संख्या में शामिल होते हैं. जिसे लेकर प्रशासन को विशेष तैयारियां करनी पड़ती हैं.
यह मेला रोजगार का मुख्य केंद्र
शोभायात्रा में विभिन्न अखाड़ों सहित व्यायाम शाला के लोग इकट्ठे होते हैं. जो विशेष करतब दिखाते हुए लोगों के आकर्षण का केंद्र बनती है. साथ ही यह मेला लोगों के रोजगार का मुख्य केंद्र होता है. जिससे शहर सहित बाहर के दुकानदार आकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं.
57 से ज्यादा देवविमान होंगे शामिल
शहर में इस साल निकलने वाली देवविमान शोभायात्रा में विभिन्न मंदिरों के 57 से ज्यादा देवविमान शामिल होगें. यह सभी विमान श्रीजी चौक होते हुए ड़ोल तालाब की पाल पर पहुंचेगें और यहां पर जलवा पूजन करवाया जाएगा. जलझूलनी एकादशी ड़ोल मेले का शुभारंभ 7 सितंबर को विधिवत् पूजा अर्चना के साथ किया जाएगा. मेले के उद्घाटन में मुख्य अतिथि स्थास्थानीय और बाहर के संत होगें. उद्घाटन के बाद मेला रंगमंच पर विभिन्न सांस्कृत्तिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
इनका यह कहना
नगरपरिषद् के कनिष्ठ अभियंता मानसिंह मीणा ने बताया कि ड़ोल मेले को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. साथ ही जलवा पूजन के लिए स्थान निर्धारित कर दिया गया है. मेला मार्ग में हो रहे गड्ड़ों के लिए पेच वर्क का कार्य करवाया जा रहा है.
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Tags: Baran news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 18:46 IST
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