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हाइलाइट्स
राजस्थान में निजी बस ऑपरेटर्स और ट्रक ऑपरेटर्स आमने-सामने
परिवहन विभाग ने निजी बसों को सामान ढोने की छूट, ट्रक यूनियन खफा
जयपुर. राजस्थान में निजी बस ऑपरेटर्स और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. दरअसल, पिछले दिनों गहलोत सरकार ने निजी बस मालिकों की मांग पर बसों को भी सामान ढोने की अनुमति दे दी. ट्रक यूनियन को ऐतराज ये है कि अगर बसों पर सामान ढोया गया तो ट्रकों को कौन पूछेगा और उनकी आय भी प्रभावित होगी. अपनी इस मांग को लेकर ट्रक यूनियन ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से मुलाकात भी की लेकिन कमिश्नर ने पल्ला जाड़ते हुए कहा कि ये सरकार का फैसला है और वो कुछ नहीं कर सकते है. सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए ट्रक यूनियन अब हड़ताल करने जा रही है. 6 अगस्त को ये हड़ताल सांकेतिक होगी और उसके बाद बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने की योजना है.
दूसरी तरफ निजी बस ऑपरेटर्स की अपनी दलील है. उनका कहना है कि अगर वो सवारियां ढोने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय कानूनी तौर पर अर्जित कर रहे हैं तो किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. बस यूनियन की मानें तो वो भारी सामान को नहीं ढोते बल्कि हल्के-फुल्के सामान को बसों की छतों पर लाद कर ले जाते हैं और वो इसके लिए परिवहन विभाग को शुल्क भी अदा करते हैं.
ट्रक यूनियन ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से मुलाकात के बाद परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला से भी मुलाकात की लेकिन परिवहन मंत्री ने दो टूक ये कहकर ट्रक यूनियन को रवाना कर दिया कि ये फैसला बजट के समय ही लिया गया था और वो उस समय परिवहन मंत्री नहीं थे.
कुल मिलाकर परिवहन के दो साधन अब आमने-सामने है. दोनों की अपनी दलीलें हैं लेकिन फिलहाल बीच का कोई रास्ता निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा. निजी बसें सरकार की अनुमति से सामान ढो रही है और ट्रक यूनियन अपनी आय कम होने से नाराज़ हैं. हड़ताल के बाद सरकार क्या इस मामलें में हस्तक्षेप करती है, ये देखने वाली बात होगी.
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Tags: Jaipur news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 21:15 IST
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