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Rajasthan News: झुंझुनूं की अनूठी गौशाला, जिसकी हर गाय के पास है आधार कार्ड

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रिपोर्ट- इम्तियाज अली

झुंझुनूं. केंद्रीय पशुपालन विभाग की ओर से देश में इंसानों की तर्ज पर मवेशियों के भी आधार कार्ड (Animal Aadhaar Card) बनाए जा रहे हैं. शहर की गोपाल गोशाला ने इस पहल को हाथों हाथ लिया और प्रत्येक पशु का एनिमल यूआईडी बनवा दिया. यानी यहां पर प्रत्येक पशु के कानों में ईयर टैग लगाया गया है. इस टैग पर ही 12 नंबरों का आधार नंबर चस्पा है. यह एक ऑनलाइन डाटाबेस से जुड़ा हुआ है. इस टैग में पशु की पूरी डिटेल दर्ज होती है. पशु का जन्म, उसे कौनसी वैक्सीन कब लगी, उसकी नस्ल, वह कब बीमार हुई, कौनसी वैक्सीन लगनी है, उसे किस तरह की बीमारी ज्यादा होती है. आदि सभी तरह की जानकारी इस आधार में दर्ज होती है.

इसका मकसद मवेशी की नस्ल एवं उत्पादकता का पता लगाना होता है. मवेशियों के कान में लगने वाले इस टैग का वजन 8 ग्राम और कलर पीला है. इस टैग के अंदर ही उसके मालिक का नाम व पता तथा उसका खुद का आधार नंबर भी दर्ज होता है. इसके पीछे मकसद सरकार की ओर से चलाई जाने वाली पशु कल्याण योजनाओं का प्रत्येक पशुपालक को फायदा दिलाना है.

दर्ज होगी पशुपालक की पूरी जानकारी
केंद्र सरकार देश में पशुधन की जानकारी से संबंधित बड़ा डेटाबेस तैयार कर रही है. सरकार की कोशिश है कि पशुधन के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाई जाए. इस कार्ड में यूनिक नंबर, मालिक का विवरण और पशु के टीकाकरण और ब्रीडिंग की जानकारियां शामिल होंगी. गोपाला गोशाला के डॉक्टर राजेशकुमार का कहना है कि गोशाला में वर्तमान में करीब 1700 गायें हैं. प्रत्येक को ईयर टैग लगा रखा है. इसके जरिए पशु की पूरी जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध हो जाती है.

आधार के जरिए मिलता है अनुदान
पशुओं की यूनिक आईडी का डाटा ऑनलाइन दर्ज होता है. इसके आधार पर सरकार के पास गोशालाओं में पशुओं की संख्या की पूरी जानकारी होती है. आजकल राजस्थान सरकार इस टैगिंग के जरिए ही गोशालाओं को अनुदान देती है. इसके साथ ही पशु का बीमा भी होता है. बीमा का फायदा उस पशुपालक को ही मिलता है, जिसकी टैगिंग की हुई होती है या उसे 12 नंबर का आधार नंबर मिला हुआ होता है. इसके अलावा नस्ल सुधार के प्रोग्राम चलते हैं, उनमें फायदा मिलता है.

पशु का पूरा बायोडाटा आधार से लिंक
गोशाला के डॉक्टर के मुताबिक जानवरों के कान में लगे ईयर टैग को ही आधार कार्ड कहते हैं. इसमें पशु का पूरा बायोडाटा होता है. यानी पशु का जन्म किस दिन हुआ था, उसे कौनसी वैक्सीन कब लगी थी, दूसरी वैक्सनी कब लगनी है, उसकी नस्ल कौनसी है, उसके मालिक का नाम पता क्या है, उसे कौनसी बीमारी अधिक होती है, अंतिम बार किस बीमारी का इलाज कराया गया, वह अब तक कितनी बार गर्भधारण कर चुकी, कितने माह की गर्भवती है आदि सभी तरह की जानकारी होती है, जिसे एक क्लिक पर देखा जा सकता है.

जानिए क्या है पशु आधार
पशुओं की टैगिंग ही उनका आधार कार्ड है. अब देश भर की हर गाय व भैंस के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जा रहा है.

इसके जरिए पशुपालक घर बैठे अपने पशु के बारे में जानकारी ले सकेंगे. टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम, चिकित्सा सहायता सहित अन्य काम आसानी से हो पाएंगे.

Tags: Aadhaar Card, Animal husbandry, Animal Welfare, Jhunjhunu news, Rajasthan news

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