[ad_1]
संदीप हुड्डा, (सीकर). राजस्थान के सीकर जिले में नाबालिग की मौत के बाद मचा हंगामा शांत हो गया. प्रशासन से बातचीत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया. यहां उस वक्त हड़कंप मच गया था जब जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के खीरवा गांव के रहने वाले नाबालिक की मौत के बाद लोगों ने रोड जाम कर दिया था. लोग शव सड़क पर रखकर घंटों बैठ गए थे. परिजनों का आरोप था कि नाबालिग को पुलिस ने बेरहमी से पीटा. इस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी थी और बाद में उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस का कहना है कि युवक पहले से ही बीमार था और उसके साथ कहीं कोई मारपीट नहीं की गई. मामले की जांच जारी है.
जानकारी के मुताबिक गांव के रहने वाले सुरेंद्र को पुलिस ने बाइक चोरी के शक में 15 दिन पहले थाने बुलाया था. पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे वापस छोड़ दिया था. परिजनों का कहना है कि उसे छोड़ने से पहले पुलिस ने उसके साथ जमकर मारपीट की. उसके बाद से उसे खून की उल्टियां होने लगीं और वह बीमार हो गया. 15 दिन तक उसका पहले सीकर और बाद जयपुर में इलाज चला. आखिर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जबकि पुलिस का कहना है कि वह किडनी की बीमारी से पीड़ित था. उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गई.
एसपी ने कही ये बात
पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि इस मामले में डॉक्टर से बातचीत हुई. उनके मुताबिक सुरेंद्र के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं थे. उनके साथ किसी भी तरह की मारपीट नहीं की गई थी. परिजनों ने भी पुलिस को किसी भी तरह की मारपीट की शिकायत नहीं दी है. परिजनों ने केवल मौत के कारणों की जांच करने की रिपोर्ट पुलिस को दी है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
इन बातों पर सहमति का दावा
गौरतलब है कि इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया था कि बीजेपी नेता भागीरथ गोदारा भी समर्थकों के साथ इस प्रदर्शन में पहुंच गए थे. नेताओं ने प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए. बताया जाता है कि इन मांगों पर सहमति बन गई है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Rajasthan news, Sikar news
FIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 07:57 IST
[ad_2]
Source link