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70 साल बाद देश में दिखेगा चीता : एमपी के कूनो पालपुर को क्यों चुना गया, पढ़िए पूरी कहानी

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भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के साथ देश को एक बड़ी सौगात मिलने वाली है. इस दिन प्रधानमंत्री मोदी मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों को देश को सौंपेंगे. 70 साल बाद देश में चीते दिखेंगे. आखिर चीतों को दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर के कूनो तक लाने का सफर कितना मुश्किल और अहम रहा ये जानना कम दिलचस्प नहीं है.

1952 में भारत में चीता विलुप्त घोषित कर दिया गया था. इसके बाद लंबे वक्त तक इस ओर कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी. साल 2009 में चीता पुनर्स्थापना के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता एक्सपर्ट के बीच बातचीत हुई. साल 2010 में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू किया. सर्वेक्षण के लिए देश में जिन 10 स्थानों का अध्ययन किया गया उसमें मध्य प्रदेश के कूनो को सबसे उपयुक्त पाया गया.

2022 में सपना पूरा
2009 में चीता लाने की जो कोशिश शुरू हुई वो अब 2022 में पूरी होने जा रही है. दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से कुल 13 चीते कूनो लाए जाने का रास्ता साफ हुआ है. कूनो अभयारण्य के 750 वर्ग किलोमीटर को करीब दो दर्जन चीतों के रहने के लिए उपयुक्त पाया गया है. इसके साथ ही श्योपुर और शिवपुरी जिले का करीब 3 हज़ार किलोमीटर एरिया चीतों के रहने के लिए उपयुक्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को तीन चीतों के बाड़ों में छोड़ेंगे. इनमें एक बाड़े में एक मादा चीता और एक बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगें.

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ऐसी है तैयारी
चीतों को बसाने से पहले कूनो अभयारण्य से लगे हुए गांव में जानवरों का टीकाकरण किया जा चुका है. आसपास के सभी गांवों में विशेष शिविर लगाए गए हैं. साथ ही चीतों के रहने के हिसाब से माहौल तैयार किया गया है. नरसिंह गढ़ से चीतल लाकर कूनो में छोड़े गए हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक कूनो में शिकार का घनत्व चीतों के लिए पर्याप्त है. सबसे पहले चीतों को दो तीन हफ्ते तक छोटे छोटे अलग बाड़ों में रखा जाएगा. एक महीने बाद बड़े बाड़ों में भेजा जाएगा । बड़े बाड़ों में चीतों का व्यवहार देखा जाएगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो फिर उन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. पहले नर चीते और उसके बाद मादा चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.

Tags: Asiatic Cheetah, Bhopal news

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