Take a fresh look at your lifestyle.

OMG : होटल को अस्पताल बनाया और स्वस्थ लोगों को भर्ती कर आयुष्मान योजना का पैसा वसूला, डॉ दंपति गिरफ्तार

278

[ad_1]

जबलपुर. जबलपुर में आयुष्मान योजना को लूट का माध्यम बनाने वाले डॉक्टर दंपति अब सलाखों के पीछे हैं. सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के नाम पर लूट इस हद तक थी कि इन्होंने एक होटल को अस्पताल बना डाला था. आयुष्मान योजना की राशि में सेंधमारी करने के आरोप में डॉ. अश्विनी पाठक और उनकी पत्नी दुहिता पाठक को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

तीन दिन पहले पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ राइट टाउन स्थित होटल वेगा में छापा मारा था. वहां फर्स्ट फ्लोर को जनरल वार्ड बनाकर वहां मरीजों को भर्ती किया गया था. सेकेंड फ्लोर के हॉल में भी मरीज भर्ती थे जबकि थर्ड फ्लोर पर बने कमरों में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया था.

होटल में अस्पताल बनाया
जबलपुर में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इतना बड़ा खेल चल रहा था. ये देखकर पुलिस भी दंग रह गयी. छापा मारने पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब इन मरीजों से पूछताछ की तो किसी ने कहा सिरदर्द है, तो किसी ने मामूली बुखार होने की बात कही. इन सभी मरीजों के आयुष्मान कार्ड अस्पताल प्रबंधन के पास थे. आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार की पुष्टि तब हुई जब मरीजों ने बताया कि उनसे एक रुपये भी नहीं लिए गए. लेकिन चार से पांच दिन तक उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया.

ये भी पढ़ें-OMG : लाठी लेकर मवेशियों पर टूट पड़े लठैत, देखकर लोग बोले- जानवर कौन?

स्वस्थ लोगों को भर्ती किया
आयुष्मान योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. धीरज दवंडे ने होटल में भर्ती मरीजों की फाइल चेक की तो उसमें मरीजों को गंभीर रोगों से पीड़ित होने का रिकॉर्ड तैयार किया गया था. होटल में लगभग 30 मरीज मिले जिनसे पूछताछ की गई. लेकिन रात होते-होते मरीज वहां से चले गए. सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने होटल पहुंचकर पूरी जानकारी जुटाई और फिर कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा. रविवार को कलेक्टर के निर्देश पर होटल को सील किया गया और पुलिस अधीक्षक ने धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर अश्विनी पाठक और होटल की जिम्मेदारी संभालने वाली उनकी पत्नी दुहिता पाठक को गिरफ्तार कर लिया.

पाठक दंपति गिरफ्तार
एएसपी गोपाल खांडेल ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना विभाग कर रहा है. आयुष्मान योजना केंद्र सरकार ने गरीब मरीजों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से शुरू की गयी थी. लेकिन निजी अस्पतालों के लिए यह योजना पैसा कमाने का जरिया बन गई. फर्जीवाड़ा कर रहे डॉक्टर सामान्य बीमारी वाले मरीजों या स्वस्थ लोगों को गंभीर रोगों से पीड़ित बताकर उनके इलाज के नाम पर सरकारी पैसा लूट रहे हैं. यह राशि थोड़ी बहुत नहीं बल्कि लाखों रूपये में होती है. होटल वेगा में भर्ती मरीजों के बारे में जानकर आपको भी पता चलेगा कि किस प्रकार आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार किया जाता है.

मरीज 1
माढ़ोताल निवासी गुड्डा ठाकुर 42 वर्ष
बीमारी – मामूली पेट दर्द, पसली में दर्द, कोई बेहोशी नहीं, उल्टी दस्त नहीं हुआ
रिकॉर्ड में दर्ज बीमारी- निर्जलीकरण के साथ बेहोश होना,
ट्रीटमेंट- एक दिन में 5-6 आईवी फ्लूड बॉटल, दवाइयां और रेस्ट

मरीज 2
महेंद्र नायक रैकवार, 65 वर्ष, निवासी गढ़ा फाटक
बीमारी- पेट दर्द और गैस की शिकायत, बीपी शुगर की शिकायत नहीं
रिकॉर्ड में दर्ज बीमारी- बढ़ा हुआ बीपी, सिर दर्द, हाथ-पैर में दर्द, उल्टी और चक्कर आने की समस्या.
ट्रीटमेंट- दिनभर में एक या दो गोली

दलाल को 10 हजार प्रति मरीज
जानकारी के मुताबिक होटल में बनाए गए हॉस्पिटल में मरीजों को भर्ती करने के लिए कमीशन भी दिया जाता था. जो मरीज अस्पताल में भर्ती होता था उसे उसे 1 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता था. जबकि मरीज को अस्पताल पहुंचाने वाले दलालों को 5 से 10 हजार रुपए दिए जाते थे.

ऐसे चल रहा था रैकेट
इसी तरह लगभग सभी मरीज सामान्य बीमारियों से ग्रस्त थे लेकिन रिकॉर्ड में उन्हें गंभीर के रूप में दर्ज किया गया. अनुमान के मुताबिक हर एक मरीज पर कम से कम 20 से 30 हजार रूपये तक के इलाज का खर्च जोड़ा जाता था. इसका भुगतान आयुष्मान योजना के तहत होता था. यह पूरा खेल सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल की आड़ में खेला जा रहा था. यहां मरीजों को बुलाया जाता था. जांच की जाती थी और आयुष्मान कार्ड योजना धारक मरीजों को होटल में शिफ्ट कर दिया जाता था.

Tags: Ayushman Bharat, Ayushman Bharat Cards, Ayushman Bharat scheme, Ayushman Bharat-National Health Protection Mission, Jabalpur news

[ad_2]

Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.